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Navratri Special: नवरात्रि के पहले गुरू और सूर्य के बीच पहुंचेगी पृथ्वी, जानिए इस संयोग का क्या रहेगा प्रभाव

नवरात्रि की पहली शाम सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृृहस्पति पृथ्वी और सूर्य तीनों एक साथ में होंगे. जिसे विज्ञान की भाषा में जुपिटर एट अपोजीशन कहा जाता है. विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि, यह घटना हर 13 माह में होती है. घारू के मुताबिक 1963 के बाद जुपिटर पृथ्वी से इतनी निकटता पर आएगा.(mp news) (narmadapuram letest news) (Navratri Special)

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नवरात्रि के पहले ग्रहों का अजब संयोग
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Published : Sep 25, 2022, 9:00 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 1:49 PM IST

नर्मदापुरम। नवरात्रि की पहली शाम बेहद खास बनने जा रही है. पश्चिम में जब सूर्य अस्त के समय सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृृहस्पति (जुपिटर) पूर्व दिशा में अपनी विशालता के साथ उदित होगा. नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि जुपिटर एट अपोजिशन की खगोलीय घटना के कारण ऐसा होगा, जिसमें सूर्य की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी, सूर्य और बृहस्पति के बीच पहुंच रही है जिससे तीने एक सीध में होंगे. इस घटना को विज्ञान की भाषा में जुपिटर एट अपोजीशन कहा जाता है. (scientist sarika gharu)

नवरात्रि के पहले ग्रहों का अजब संयोग

59 सालों बाद इतना निकट आएगा जुपिटर: सारिका घारू ने बताया कि 1963 के बाद जुपिटर पृथ्वी से इतनी निकटता पर होगा, इसलिए यह घटना विशेष महत्व रखती है. इससे पहले 2017 को दिखे बृृहस्पति के आकार की तुलना में यह 11 प्रतिशत बड़ा और लगभग डेढ़ गुना अधिक चमकीला दिखेगा. इस बार बृृहस्पति ग्रह की पृथ्वी से दूरी 59 करोड़ किमी से कुछ अधिक होगी और इसका प्रकाश पृथ्वी तक आने में 33 मिनिट लगेंगे. यह मीन तारामंडल में दिखेगा और माईनस 2.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा. (Navratri Special)

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सारिका ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करते रहने के कारण हर 13 माह में जुपिटर एट अपोजीशन की घटना होती है. अगली घटना 2 नवम्बर 2023 को होगी. अगर आपके पास टेलिस्कोप या बाइनाकुलर है तो इसकी मदद से जुपिटर के चार चंद्रमा को भी देख पायेंगे। वैसे जुपिटर के अब तक 80 चंद्रमा खोजे जा चुके हैं जिनमें से 57 का नामकरण हो चुका है. तों विशाल गुरू के दर्शन के साथ नवरात्रि की शुरूआत कीजिए. (navratri vishesh pooja in mp) (mp news) (narmadapuram letest news) (navratri vishesh pooja)

नर्मदापुरम। नवरात्रि की पहली शाम बेहद खास बनने जा रही है. पश्चिम में जब सूर्य अस्त के समय सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृृहस्पति (जुपिटर) पूर्व दिशा में अपनी विशालता के साथ उदित होगा. नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि जुपिटर एट अपोजिशन की खगोलीय घटना के कारण ऐसा होगा, जिसमें सूर्य की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी, सूर्य और बृहस्पति के बीच पहुंच रही है जिससे तीने एक सीध में होंगे. इस घटना को विज्ञान की भाषा में जुपिटर एट अपोजीशन कहा जाता है. (scientist sarika gharu)

नवरात्रि के पहले ग्रहों का अजब संयोग

59 सालों बाद इतना निकट आएगा जुपिटर: सारिका घारू ने बताया कि 1963 के बाद जुपिटर पृथ्वी से इतनी निकटता पर होगा, इसलिए यह घटना विशेष महत्व रखती है. इससे पहले 2017 को दिखे बृृहस्पति के आकार की तुलना में यह 11 प्रतिशत बड़ा और लगभग डेढ़ गुना अधिक चमकीला दिखेगा. इस बार बृृहस्पति ग्रह की पृथ्वी से दूरी 59 करोड़ किमी से कुछ अधिक होगी और इसका प्रकाश पृथ्वी तक आने में 33 मिनिट लगेंगे. यह मीन तारामंडल में दिखेगा और माईनस 2.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा. (Navratri Special)

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सारिका ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करते रहने के कारण हर 13 माह में जुपिटर एट अपोजीशन की घटना होती है. अगली घटना 2 नवम्बर 2023 को होगी. अगर आपके पास टेलिस्कोप या बाइनाकुलर है तो इसकी मदद से जुपिटर के चार चंद्रमा को भी देख पायेंगे। वैसे जुपिटर के अब तक 80 चंद्रमा खोजे जा चुके हैं जिनमें से 57 का नामकरण हो चुका है. तों विशाल गुरू के दर्शन के साथ नवरात्रि की शुरूआत कीजिए. (navratri vishesh pooja in mp) (mp news) (narmadapuram letest news) (navratri vishesh pooja)

Last Updated : Sep 27, 2022, 1:49 PM IST
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