नर्मदापुरम। जिला परिवहन विभाग ने वाहन चालकों से वसूली का नया तरीका निकाला है. जिससे विभाग के कर्मचारियों पर अवैध वसूली के आरोप ना लग सकें. इसके लिए जिला परिवहन विभाग में एक एजेंसी के तहत नियुक्त प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को वाहन चेकिंग और वसूली के लिए फील्ड में उतार दिया है. नीली ड्रेस पहने ये प्राइवेट गार्ड बाकायदा जिला परिवहन ऑफिस के सामने वाहनों को रोककर उनके दस्तावेजों की चेकिंग कर रहे हैं. इसके बाद जुर्माने की कार्रवाई का निपटारा भी खुद ही कर लेते हैं.
वाहन चालकों से अभद्रता : नर्मदापुरम में जिला परिवहन कार्यालय के प्राइवेट गार्ड द्वारा वाहन चालकों से अभद्रता भी की जा रही है. इसके अलावा जबरन जुर्माने की राशि भरने के लिए दबाव भी डाला जा रहा है. जब परिवहन विभाग में इसकी शिकायत हुई तो जिला परिवहन अधिकारी ने स्टाफ की कमी होने का हवाला दे दिया. क्षेत्रीय परविहन अधिकारी निशा चौहान का कहना है कि प्राइवेट गार्ड स्टाफ कम होने के कारण चेकिंग पॉइंट पर सिर्फ सहयोग कर रहे हैं. हालांकि हकीकत यह है कि नीली वर्दीधारी इन गार्ड्स को विभाग में सिक्योरिटी के काम के लिए रखा गया था.
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आरटीओ के तर्क : नियमानुसार एजेंसी द्वारा नियुक्त प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को फील्ड के काम के लिए नियुक्त नहीं किया जा सकता लेकिन परिवहन विभाग ने यह कारनामा भी कर दिया. हालांकि परिवहन विभाग के अधिकारी स्टाफ की कमी होने का तर्क भले ही दें लेकिन कहीं ना कहीं चेकिंग और वसूली करने का यह नया फंडा वाहन चालकों को परेशान कर रहा है. पूरे मामले को लेकर जिला परिवहन अधिकारी ने कहा हमारे पास अमले की कमी है, जो हमारे कांस्टेबल हैं, वह सब जाते हैं. यह प्राइवेट नहीं हैं, जो गार्ड हमारे साथ अटैच हैं. इनकी हम मदद ले रहे हैं.