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पिपरिया के नायब तहसीलदार रिश्वत के मामले में दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा

होशंगाबाद जिले के पिपरिया तहसील के नायब तहसीलदार को रिश्वत लेने के मामलें में दोषी पाया गया है. नायब तहसीलदार को चार साल सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड की सजा भी सुनाई गई है.

जिल न्यायालय ने नायब तहसीलदार को 4 साल की सश्रम सजा सुनाई है
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Published : Aug 31, 2019, 11:54 PM IST

होशंगाबाद। जिलाकोर्ट होशंगाबाद ने पिपरिया तहसील के नायब तहसीलदार अशोक गोहिया को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया है. सत्र न्यायाधीश केएन सिंह ने आरोपी अशोक गोहिया को चार साल के सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

जिल न्यायालय ने नायब तहसीलदार को 4 साल की सश्रम सजा सुनाई है

शिकायतकर्ता ने ग्राम बनवारी के पटवारी से एक प्लॉट खरीदा था. प्लॉट के नामांतरण के लिये सात अप्रैल 2016 को नायब तहसीलदार पिपरिया के लिया आवेदन किया था. लंबे समय से मामले को टाल रहे नायब तहसीलदार ने पांच हजार रुपए के रिश्वत की मांग की, जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त में की थी. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के.एन. सिंह ने अभियोजन कर फैसला सुनाते हुए आरोपी अशोक गोहिया को रिश्वत लेने के मामलों में दोषी मानते हुए चार साल की सजा सुनाई है. जबकि दो हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है.

होशंगाबाद। जिलाकोर्ट होशंगाबाद ने पिपरिया तहसील के नायब तहसीलदार अशोक गोहिया को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया है. सत्र न्यायाधीश केएन सिंह ने आरोपी अशोक गोहिया को चार साल के सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

जिल न्यायालय ने नायब तहसीलदार को 4 साल की सश्रम सजा सुनाई है

शिकायतकर्ता ने ग्राम बनवारी के पटवारी से एक प्लॉट खरीदा था. प्लॉट के नामांतरण के लिये सात अप्रैल 2016 को नायब तहसीलदार पिपरिया के लिया आवेदन किया था. लंबे समय से मामले को टाल रहे नायब तहसीलदार ने पांच हजार रुपए के रिश्वत की मांग की, जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त में की थी. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के.एन. सिंह ने अभियोजन कर फैसला सुनाते हुए आरोपी अशोक गोहिया को रिश्वत लेने के मामलों में दोषी मानते हुए चार साल की सजा सुनाई है. जबकि दो हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है.

Intro:
होशंगाबाद। होशंगाबाद की पिपरिया तहसील को नायब तहसीलदार रिश्वत को लेना काफी महंगा पड़ गया रिश्वत के आरोप में कोर्ट ने सजा सुनाते हुए 4 वर्ष का सजा सुनाइए
Body:न्यायालय श्रीमान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश होशंगाबाद (श्री के.एन. सिंह) द्वारा आरोपी अशोक गोहिया को 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। जानकारी के अनुसार फ़रियादी ने एक प्लॉट ग्राम बनवारी पटवारी से एक प्लाट खरीदा था। प्लॉट के नामांतरण के लिये सात अप्रैल 2016 को नायब तहसीलदार पिपरिया के लिया आवेदन किया था ओर लंबे समय से मामले को टाल रहे नायब तहसीलदार तहसीलदार के नाम पर ₹5000 की रिश्वत की मांग की थी जिसकी शिकायत फरियादी ने खाने में लोकायुक्त पुलिस मे की जहाँ लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से नायब तहसीलदार को रुपए लेते समय रंगे हाथ पकड़ लिया ।
Conclusion:
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री के.एन. सिंहने अभियोजन के तर फैसला सुनाते हुए आरोपी अशोक गोहिया को पी.सी. एक्ट की धारा -7 एवं 13(1)(डी) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000 रुपये के जुर्माने से दंडित कि
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