होशंगाबाद। जिलाकोर्ट होशंगाबाद ने पिपरिया तहसील के नायब तहसीलदार अशोक गोहिया को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया है. सत्र न्यायाधीश केएन सिंह ने आरोपी अशोक गोहिया को चार साल के सश्रम कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.
शिकायतकर्ता ने ग्राम बनवारी के पटवारी से एक प्लॉट खरीदा था. प्लॉट के नामांतरण के लिये सात अप्रैल 2016 को नायब तहसीलदार पिपरिया के लिया आवेदन किया था. लंबे समय से मामले को टाल रहे नायब तहसीलदार ने पांच हजार रुपए के रिश्वत की मांग की, जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त में की थी. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के.एन. सिंह ने अभियोजन कर फैसला सुनाते हुए आरोपी अशोक गोहिया को रिश्वत लेने के मामलों में दोषी मानते हुए चार साल की सजा सुनाई है. जबकि दो हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है.