होशंगाबाद। अवैध खनन को मुद्दा बनाकर मध्यप्रदेश में चुनाव जीतने वाली कांग्रेस खुद ही रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होती नजर आ रही है. यही वजह है कि होशंगाबाद के सिवनी-मालवा में हो रहा रेत का अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है.
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश और जिला स्तर के नेताओं ने अपने भाषणों में रेत खनन से नर्मदा को छलनी किए जाने की बातें मंच से कही. स्टार प्रचारक के तौर पर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी रेत चोरी को सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर अपने भाषणों में शुमार किया.
वहीं, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा और अरुण यादव सहित कई नेताओं ने तवा और नर्मदा नदी से रेत खनन को लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए. अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इसके बाद भी रेत का अवैध परिवहन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि 5 सालों में नर्मदा के किनारों पर लगी कई तरह की वनस्पति व जलीय जीवों का नाश हुआ है.
एनजीटी ने नर्मदा की खदानों पर पोकलेन और जेसीबी से रेत के खनन को प्रतिबंधित किया था, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए रेत माफिया नर्मदा में भरपूर पोकलेन और जेसीबी से खनन कर रहे हैं. एनजीटी ने 30 जून तक के लिए फिर से रोक हटा दी है. जिससे रेत चोर बेखौफ होकर अवैध खनन में जुट गए हैं.