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अवैध खनन को सियासी मुद्दा बनाकर भूली कांग्रेस, बेखौफ रेत माफिया उजाड़ रहे नदियों की कोख - होशंगाबाद

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध खनन को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस सत्ता में वापसी के बावजूद अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है और कांग्रेस अपने ही दावों को भूलती नजर आ रही है.

अवैध रेत खनन
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Published : Jun 28, 2019, 8:39 PM IST

होशंगाबाद। अवैध खनन को मुद्दा बनाकर मध्यप्रदेश में चुनाव जीतने वाली कांग्रेस खुद ही रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होती नजर आ रही है. यही वजह है कि होशंगाबाद के सिवनी-मालवा में हो रहा रेत का अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है.


पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश और जिला स्तर के नेताओं ने अपने भाषणों में रेत खनन से नर्मदा को छलनी किए जाने की बातें मंच से कही. स्टार प्रचारक के तौर पर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी रेत चोरी को सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर अपने भाषणों में शुमार किया.

होशंगाबाद में हो रहा अवैध रेत खनन


वहीं, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा और अरुण यादव सहित कई नेताओं ने तवा और नर्मदा नदी से रेत खनन को लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए. अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इसके बाद भी रेत का अवैध परिवहन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि 5 सालों में नर्मदा के किनारों पर लगी कई तरह की वनस्पति व जलीय जीवों का नाश हुआ है.


एनजीटी ने नर्मदा की खदानों पर पोकलेन और जेसीबी से रेत के खनन को प्रतिबंधित किया था, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए रेत माफिया नर्मदा में भरपूर पोकलेन और जेसीबी से खनन कर रहे हैं. एनजीटी ने 30 जून तक के लिए फिर से रोक हटा दी है. जिससे रेत चोर बेखौफ होकर अवैध खनन में जुट गए हैं.

होशंगाबाद। अवैध खनन को मुद्दा बनाकर मध्यप्रदेश में चुनाव जीतने वाली कांग्रेस खुद ही रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होती नजर आ रही है. यही वजह है कि होशंगाबाद के सिवनी-मालवा में हो रहा रेत का अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है.


पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश और जिला स्तर के नेताओं ने अपने भाषणों में रेत खनन से नर्मदा को छलनी किए जाने की बातें मंच से कही. स्टार प्रचारक के तौर पर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी रेत चोरी को सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर अपने भाषणों में शुमार किया.

होशंगाबाद में हो रहा अवैध रेत खनन


वहीं, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा और अरुण यादव सहित कई नेताओं ने तवा और नर्मदा नदी से रेत खनन को लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए. अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इसके बाद भी रेत का अवैध परिवहन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. आलम ये है कि 5 सालों में नर्मदा के किनारों पर लगी कई तरह की वनस्पति व जलीय जीवों का नाश हुआ है.


एनजीटी ने नर्मदा की खदानों पर पोकलेन और जेसीबी से रेत के खनन को प्रतिबंधित किया था, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए रेत माफिया नर्मदा में भरपूर पोकलेन और जेसीबी से खनन कर रहे हैं. एनजीटी ने 30 जून तक के लिए फिर से रोक हटा दी है. जिससे रेत चोर बेखौफ होकर अवैध खनन में जुट गए हैं.

Intro:रेत को स्थानीय स्तर पर सियासी मुद्‌दा बनाने की कोशिश कांग्रेस ने की लेकिन वह भी सरकार बनते ही रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होते नजर आ रही है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद भी होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा में हो रहा रेत का अवैध उत्खनन नहीं रुक रहा है। 2018 के विधानसभा चुनावों की सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश और जिला स्तर के नेताओं ने अपने भाषणों में रेत के बेशुमार उत्खनन से नर्मदा को छलनी किए जाने की बातें मंच से कहते रहे हैं। Body:स्टार प्रचारक के तौर पर पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ने भी रेत चोरी को सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर भाषणों में शुमार किया। दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, विवेक तनख्वाह, अरुण यादव आदि ने तवा और नर्मदा नदी से रेत के उत्खनन को लेकर भाजपा पर सवाल उठाए। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है, लेकिन जिले से अवैध अवैध परिवहन बंद नहीं हुआ है। Conclusion:5 सालों में नर्मदा में रेत के अवैध उत्खनन के चलते किनारों पर लगी अनेक प्रकार की वनस्पति व जलीय जीवों का नाश हुआ है। एनजीटी ने नर्मदा की खदानों पर पोकलेन और जेसीबी से रेत के उत्खनन को प्रतिबंधित कराया था, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए रेत माफिया ने नर्मदा में भरपूर पोकलेन और जेसीबी से उत्खनन किया। और विगत दिवस एन जीटी के द्वारा 30 जून तक के लिए फिर से रोक हटा दी गई। जिससे रेत चोर बेख़ौफ़ होकर अवैध खनन में जुट गए हैं। वही प्रशासन सिर्फ मूक दर्शक बन देखने को मजबूर है।

बाइट-रविशंकर राय एसडीएम
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