होशंगाबाद। केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी-अधिकारी सड़कों पर उतर आए हैं. आज से वे एक महीने के हड़ताल पर हैं. होशंगाबाद में भी कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. हड़ताल को लेकर कमिश्नर रविंद्र मिश्रा, आईजी आशुतोष राय सहित कलेक्टर-एसपी ने कल अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
होशंगाबाद के इटारसी में आयुध निर्माण फैक्ट्री और सीपी में कर्मचारी यूनियनों को निर्देश दिए गए हैं कि हड़ताल से आमजन को कोई परेशानी न हो. बैठक में अधिकारियों ने निर्देश दिए कि अगर कोई कर्मचारी संस्थान जाना चाहता है, तो उसे ना रोका जाए. वहीं कमिश्नर रविन्द्र मिश्रा ने बताया कि हड़ताल के वक्त पुलिस अधिकारियों की एक टीम को सुबह से लगा दिया गया है और भोपाल से बुलाए गए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है.
इस दौरान तीन स्तरीय सुरक्षा की गई है और जगह-जगह कैमरे लगाए गए हैं, ताकि लगातार विरोध-प्रदर्शन पर नजर रखी जा सके. वहीं ट्रेड यूनियन वाले फैक्ट्री के अंदर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स कैमरे, मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. साथ ही हड़ताल पर बैठे कर्मचारी यूनियनों को आवश्यक वस्तुओं की लगातार आपूर्ति की जाएगी.
देश भर के सुरक्षा संस्थान और उनके सहयोगी विभाग हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. इटारसी में भी चारों फेडरेशन ने एक साथ मिलकर कल देर शाम फैक्ट्री की कॉलोनी में वाहन रैली निकाली और प्रदर्शन भी किया था. माना जा रहा है कि हड़ताल के कारण इटारसी में आयुध निर्माण फैक्ट्री और सीपी में असर देखने को मिलेगा.
गौरतलब है कि दिल्ली में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण का फैसला लिया गया था. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार इन 41 सुरक्षा संस्थानों का प्राइवेटाइजेशन कर कर्मचारियों को बेरोजगार बनाने की तैयारी में है.