होशंगाबाद। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोर्ट का हवाला देकर विधायक की मान्यता रद्द की थी, उसी प्रकार हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर सदस्यता बहाल करना चाहिए.
हाईकोर्ट के स्टे के बाद प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल करनी चाहिएः सीताशरण शर्मा
प्रहलाद लोधी की सजा पर हाईकोर्ट के स्टे लगाने के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा का कहना है कि मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष ने जल्दबाजी में ये फैसला लिया था.
प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल करना चाहिए
होशंगाबाद। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोर्ट का हवाला देकर विधायक की मान्यता रद्द की थी, उसी प्रकार हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर सदस्यता बहाल करना चाहिए.
Intro:होशंगाबाद। पवई विधायक के हाई कोर्ट के फैसले को 7 जनवरी तक रोक लगाने पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने इससे जल्दबाजी मे लिया फैसला बताया । जिस प्रकार कोर्ट का हवाला देकर विधायक की मान्यता रद्द की थी उसी प्रकार उसी हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर विधायिका बहाल करना चाहिए
Body:कांग्रेस मैदान में बहुमत नहीं ला पा रही है तो अब कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर इस तरह बहुमत लाने की कोशिश कर रही है जो की पूर्णता गलत है और लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है इस पर बीजेपी के रुख पर कहना है कि इस पर बीजेपी आलाकमान ही निर्णय लेंगे हालांकि हाईकोर्ट के आदेश को विधानसभा अध्यक्ष के पास ले जाकर इसे रद्द करने की मांग करना चाहिए । और इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष नहीं मानते हैं तो इसे राज्यपाल के समक्ष पेश करना चाहिए
बाइट सीताशरण शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वर्तमान होशंगाबाद विधायक
Conclusion:
Body:कांग्रेस मैदान में बहुमत नहीं ला पा रही है तो अब कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर इस तरह बहुमत लाने की कोशिश कर रही है जो की पूर्णता गलत है और लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है इस पर बीजेपी के रुख पर कहना है कि इस पर बीजेपी आलाकमान ही निर्णय लेंगे हालांकि हाईकोर्ट के आदेश को विधानसभा अध्यक्ष के पास ले जाकर इसे रद्द करने की मांग करना चाहिए । और इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष नहीं मानते हैं तो इसे राज्यपाल के समक्ष पेश करना चाहिए
बाइट सीताशरण शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वर्तमान होशंगाबाद विधायक
Conclusion: