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ट्रांसफर से नाराज कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठा, कहा- मुझे और मेरे परिवार को किया जा रहा प्रताड़ित

सिवनी मालवा में बिजली विभाग का सहायक प्रबंधक ट्रांसफर से नाराज होकर भूख हड़ताल एवं मौन व्रत पर बैठ गया है. जिसकी सूचना लिखित पत्र के द्वारा बकायदा एसडीएम को दी गई है.

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भूख हड़ताल कर्मचारी
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Published : Sep 8, 2020, 5:22 PM IST

होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां बिजली विभाग का सहायक प्रबंधक ट्रांसफर से नाराज होकर भूख हड़ताल एवं मौन व्रत पर बैठ गया है. जिसकी सूचना लिखित पत्र के द्वारा बकायदा एसडीएम को दी गई है.

स्थानीय किसान

सहायक प्रबंधक बसंत भवरकर ने अपने पत्र में लिखा है कि 'मैं बसंत भवरकर, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड सिवनी मालवा ग्रामीण में सहायक प्रबंधक के पद पर पदस्थ हूं एवं कंपनी के समस्त दायित्वों का पालन कर 24 घंटे विद्युत सेवा में अपनी ड्यूटी दे रहा हूं. इस कोरोना काल में भी मैंने अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से किया है, लेकिन दिनांक 7 सितम्बर 2020 को बिना किसी कारण के मेरा ट्रांसफर पिपरिया संभाग के चांदोन वितरण केंद्र में कर दिया है, जिसके बाद से मैं एवं मेरा परिवार मानसिक प्रताड़ना महसूस कर रहे हैं'

इतना ही नहीं बसंत भवरकर का कहना है कि भूख हड़ताल के दौरान उनके साथ जो भी घटना घटित होती है तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ कंपनी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जाए. वहीं किसानों का कहना है की एक अच्छे अधिकारी बहुत ही कम मिलते हैं. इसलिए इनका ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि कुछ लोगों के द्वारा निजी कारणों के चलते इनका स्थानान्तरण कराया गया है, यदि जल्द इसे नहीं रोका गया तो सभी किसान चक्काजाम करेंगे.

होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां बिजली विभाग का सहायक प्रबंधक ट्रांसफर से नाराज होकर भूख हड़ताल एवं मौन व्रत पर बैठ गया है. जिसकी सूचना लिखित पत्र के द्वारा बकायदा एसडीएम को दी गई है.

स्थानीय किसान

सहायक प्रबंधक बसंत भवरकर ने अपने पत्र में लिखा है कि 'मैं बसंत भवरकर, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड सिवनी मालवा ग्रामीण में सहायक प्रबंधक के पद पर पदस्थ हूं एवं कंपनी के समस्त दायित्वों का पालन कर 24 घंटे विद्युत सेवा में अपनी ड्यूटी दे रहा हूं. इस कोरोना काल में भी मैंने अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से किया है, लेकिन दिनांक 7 सितम्बर 2020 को बिना किसी कारण के मेरा ट्रांसफर पिपरिया संभाग के चांदोन वितरण केंद्र में कर दिया है, जिसके बाद से मैं एवं मेरा परिवार मानसिक प्रताड़ना महसूस कर रहे हैं'

इतना ही नहीं बसंत भवरकर का कहना है कि भूख हड़ताल के दौरान उनके साथ जो भी घटना घटित होती है तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ कंपनी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जाए. वहीं किसानों का कहना है की एक अच्छे अधिकारी बहुत ही कम मिलते हैं. इसलिए इनका ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि कुछ लोगों के द्वारा निजी कारणों के चलते इनका स्थानान्तरण कराया गया है, यदि जल्द इसे नहीं रोका गया तो सभी किसान चक्काजाम करेंगे.

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