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कोरोना ने रोकी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, हो रहे परेशान

होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा तहसील के अतिथि शिक्षक भी स्कूल न खुलने की वजह से बेरोजगार हो गए हैं. अतिथि शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट आन पड़ा है.

Appointment of guest teachers is not possible due to lockdown
परेशान अतिथि शिक्षक
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Published : Jul 8, 2020, 2:54 PM IST

होशंगाबाद। जिले के अतिथि शिक्षकों के सामने कोरोना संकट काल के चलते रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सिवनी मालवा तहसील के अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल के चलते अभी तक स्कूल नहीं खुल पाए हैं. इस वजह से उनकी रोजी रोटी का एकमात्र साधन अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जिसे लेकर क्षेत्र के अतिथि शिक्षक काफी परेशान हैं.

दरअसल, हर साल जुलाई से नया शिक्षण सत्र शुरू हो जाता था, जिसके बाद अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते अभी तक ना तो शैक्षणिक सत्र शुरू हो पाया है, ना ही बच्चों की पढ़ाई. शिक्षक ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से जैसे-तैसे बच्चों को पढ़ाई करवा रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच अतिथि शिक्षकों के लिए रोजी रोटी का संकट आन पड़ा है. अतिथि शिक्षकों में से कईयों के पास रोजगार का कोई अन्य साधन भी उपलब्ध नहीं है. कुछ अतिथि शिक्षक आय के लिए मजदूरी भी तलाश रहे हैं, लेकिन उन्हें ना तो मजदूरी मिल पा रही है, ना ही कोई और काम.

शैक्षणिक सत्र शुरू नहीं होने के चलते अतिथि शिक्षक नियुक्ति को लेकर भी परेशान नजर आ रहे हैं. अतिथि शिक्षकों को समझ नहीं आ रहा है कि उनकी नियुक्ति कब तक होगी और किस तरह अतिथि शिक्षकों को रोजगार मिल पाएगा. मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के जाने के बाद शिवराज से अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति की आस है. उनकी मुख्य मांग परमानेंट होना अभी तक अधूरी है.

होशंगाबाद। जिले के अतिथि शिक्षकों के सामने कोरोना संकट काल के चलते रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सिवनी मालवा तहसील के अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल के चलते अभी तक स्कूल नहीं खुल पाए हैं. इस वजह से उनकी रोजी रोटी का एकमात्र साधन अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जिसे लेकर क्षेत्र के अतिथि शिक्षक काफी परेशान हैं.

दरअसल, हर साल जुलाई से नया शिक्षण सत्र शुरू हो जाता था, जिसके बाद अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते अभी तक ना तो शैक्षणिक सत्र शुरू हो पाया है, ना ही बच्चों की पढ़ाई. शिक्षक ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से जैसे-तैसे बच्चों को पढ़ाई करवा रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच अतिथि शिक्षकों के लिए रोजी रोटी का संकट आन पड़ा है. अतिथि शिक्षकों में से कईयों के पास रोजगार का कोई अन्य साधन भी उपलब्ध नहीं है. कुछ अतिथि शिक्षक आय के लिए मजदूरी भी तलाश रहे हैं, लेकिन उन्हें ना तो मजदूरी मिल पा रही है, ना ही कोई और काम.

शैक्षणिक सत्र शुरू नहीं होने के चलते अतिथि शिक्षक नियुक्ति को लेकर भी परेशान नजर आ रहे हैं. अतिथि शिक्षकों को समझ नहीं आ रहा है कि उनकी नियुक्ति कब तक होगी और किस तरह अतिथि शिक्षकों को रोजगार मिल पाएगा. मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के जाने के बाद शिवराज से अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति की आस है. उनकी मुख्य मांग परमानेंट होना अभी तक अधूरी है.

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