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रैन बसेरा में पुलिस बल ने किया कब्जा, कड़कड़ाती ठंड में बाहर सोने को मजबूर मुसाफिर

होशंगाबाद में आम लोगों के रुकने के लिए बनाया गया रैन बसेरा पुलिस विभाग का अस्थाई डेरा बन गया है. जो श्रद्धालु नर्मदा स्नान के लिए होशंगाबाद पहुंच रहे हैं, उन्हें खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है.

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Published : Jan 15, 2020, 1:26 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 3:20 PM IST

Allotted rooms to police force in night shelter
रैन बसेरा में पुलिस बल ने किया कब्जा

होशंगाबाद। नर्मदा अंचल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन आम लोगों के रुकने के लिए बनाया गया रैन बसेरा पुलिस विभाग का अस्थाई डेरा बन गया है. जो श्रद्धालु नर्मदा स्नान के लिए होशंगाबाद पहुंच रहे हैं, उन्हें खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. शहर के रैन बसेरा में बाहर से आए अतिरिक्त पुलिस बल को रोका गया है और बाहर से आए यात्री कड़कड़ाती ठंड में बाहर सोने को मजबूर हो रहे हैं. रैन बसेरा के कुछ कमरों में नगर पालिका अपना सामान रखे हुए है.

रैन बसेरा में पुलिस बल ने किया कब्जा


मुख्यालय या फिर किसी भी विशेष कार्यक्रम के लिए बुलाई गई पुलिस फोर्स को हमेशा नगर पालिका के रैन बसेरे में ही ठहराया जाता है और इस दौरान शहर में बाहर से आए यात्री परेशान होते रहते हैं. मकर सक्रांति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं का देर रात से ही घाटों पर आना शुरू हो जाता है, जो कि रात्रि विश्राम कर ब्रह्म मुहूर्त में नर्मदा नदी में स्नान करते हैं. जिनके रुकने के लिए रैन बसेरों में प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जानी थी, लेकिन यहां पर पुलिस कर्मियों का कब्जा है.

होशंगाबाद। नर्मदा अंचल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन आम लोगों के रुकने के लिए बनाया गया रैन बसेरा पुलिस विभाग का अस्थाई डेरा बन गया है. जो श्रद्धालु नर्मदा स्नान के लिए होशंगाबाद पहुंच रहे हैं, उन्हें खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. शहर के रैन बसेरा में बाहर से आए अतिरिक्त पुलिस बल को रोका गया है और बाहर से आए यात्री कड़कड़ाती ठंड में बाहर सोने को मजबूर हो रहे हैं. रैन बसेरा के कुछ कमरों में नगर पालिका अपना सामान रखे हुए है.

रैन बसेरा में पुलिस बल ने किया कब्जा


मुख्यालय या फिर किसी भी विशेष कार्यक्रम के लिए बुलाई गई पुलिस फोर्स को हमेशा नगर पालिका के रैन बसेरे में ही ठहराया जाता है और इस दौरान शहर में बाहर से आए यात्री परेशान होते रहते हैं. मकर सक्रांति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं का देर रात से ही घाटों पर आना शुरू हो जाता है, जो कि रात्रि विश्राम कर ब्रह्म मुहूर्त में नर्मदा नदी में स्नान करते हैं. जिनके रुकने के लिए रैन बसेरों में प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जानी थी, लेकिन यहां पर पुलिस कर्मियों का कब्जा है.

Intro:स्पेशल स्टोरी रैन बसेरा चेक

होशंगाबाद ।नर्मदा अंचल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है आम लोगों के रुकने के लिए बनाया गया रेन बसेरा पुलिस विभाग का अस्थाई डेरा बन गया है आम इंसानों के लिए बनाया गया रेन बसैरा जिसमें गरीब तबके का श्रद्धालु जोकि नर्मदा पूजन या स्नान करने के लिए प्रसिद्ध सेठानी घाट पर पहुंचते हैं जो वहां पर रात्रि विश्राम कर निकल जाते है


Body:लेकिन यहां बाहर से आए अतिरिक्त पुलिस बल को ठेरा दिया गया है और बाहर से आए यात्रियों को इस कड़कड़ाती ठंड में बाहर सोने को मजबूर हो रहे हैं रेन बसेरे के कुछ कमरों में नगर पालिका अपना सामान रख ताला डाल कर चली गई है इसका खुलासा ईटीवी भारत के रियलिटी चेक से हुआ है जिसमें यात्रियों की सुविधाओं के लिए बनाया गया था पुलिस की दादागिरी का शिकार हो रहा है और आम यात्री इसका खामियाजा भुगत रहे हैं दरअसल मकर सक्रांति के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं इस दौरान श्रद्धालुओं का देर रात से ही घाटों पर आना शुरू हो जाता है जो कि रात्रि विश्राम कर ब्रह्म मुहूर्त में नर्मदा नदी में स्नान करते हैं जिनके लिए विशेष रूप से रोकने के लिए रैन बसेरे में प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जानी थी लेकिन यहां पर पुलिस वालों को कमरा अलर्ट कर दिया गया है ।


Conclusion:अतिरिक्त पुलिस का डेरा बना रैन बसेरा डेरा

मुख्यालय या फिर किसी भी विशेष कार्यक्रम के लिए बुलाई गई फ़ोर्स पुलिस बल को हमेशा नगरपालिका के रैन बसेरे में ही ठहराया जाता है और इस दौरान यात्री परेशान होते रहते हैं चाहे चुनाव कराने के लिए आई हो फोर्स या किसी त्योहारों के लिए हमेशा यही ठहरती है इस दौरान कई दिनों तक यही बल मौजूद रहता है
Last Updated : Jan 15, 2020, 3:20 PM IST
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