हरदा। जिले में खाद्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. यहां विभाग के नए पोर्टल पर सॉफ्टवेयर में खराबी के चलते खाद्य विभाग के द्वारा की गई गलत एंट्री का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. इस गलती के कारण हॉस्टल को मिलने वाला अनाज अब तक नहीं मिला है. छात्रावास के अधीक्षकों को शासन-प्रशासन से एक रुपए के दर से मिलने वाला चावल 28 रुपए किलो के दर से खरीदना पड़ रहा है.
छात्रावास अधीक्षिका किरण कुमरे ने बताया कि शासन-प्रशासन के निर्देश से छात्रावास में रहने वाले स्टूडेंटस के लिए मैपिंग के बाद KYC लेने का काम दिसंबर माह में ही कर लिया गया था, लेकिन गलत एंट्री के कारण छात्रावास को अनाज नहीं मिल पा रहा है. अनाज नहीं होने के कारण मेस के संचालन में काफी परेशानी हो रही है. किरण कुमरे का कहना है कि इसका सुधार भोपाल जाकर करना होगा.
इस मामले को लेकर आदिम जाति कल्याण विभाग के संयोजक सीपी सोनी का कहना है कि नए सॉफ्टवेयर पर हुई गलत एंट्री की वजह से ये दिक्कत आई है, जिसके कारण छात्रावास के संचालन में परेशानी आ रही है. उन्होंने कहा कि शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर के द्वारा शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है. वहीं खाद्य विभाग को छात्रावासों में अनाज की आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं.
आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा 43 एसटीएससी हॉस्टल संचालित किए जाते हैं, जहां 2 हजार 150 छात्र-छात्राएं रहकर पढ़ाई करते हैं. इन हॉस्टल में मिलने वाला अनाज बीते 8 महीनों से नहीं मिला है, जिसके कारण छात्रावास के अधीक्षकों को एक रुपए प्रति किलो की दर से मिलने वाला चावल 28 रुपए किलो की दर से खरीदना पड़ रहा है, जबकि शासन की तरफ से एक छात्र के के लिए 25 रुपए किलो गेहूं और 12 रुपए किलो चावल की दर निर्धारित की गई है.