हरदा। जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक ने ऋण वसूली अभियान चलाया है, जिसके तहत बैंक से 2002 के बाद से अब तक ऋण लेने के बाद राशि जमा नहीं कराने वाले करीब 179 बकायादारों के नाम के बैनर बनवाकर शाखा के सामने लगा दिए गए हैं. साथ ही शहर में ऑटो से बकायादारों के नामों का एलान किया जा रहा है.
इसके अलावा बैंक वसूली के लिए बकाएदारों के घर जाकर गांधीगिरी के जरिए कर्ज जमा करने का निवेदन भी केरगी. बैंक के बकायादारों में अधिकांश प्रमुख राजनीतिक दलों से जुड़े या सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग हैं, जिन्होंने अपने रसूख के चलते सालों से बैंक से लिया कर्ज नहीं लौटाया.
बैंक को 25 व्यापारिक लिमिट से 3 करोड़ 4 लाख 65, आवास कर्ज से 3 करोड़ 62 लाख, वाहन ऋण के 81 बकायादारों से 2 करोड़ 97 लाख, चारपहिया वाहन के 5 बकायादारों से 25 लाख 73 हजार, वेयरहाउस ऋण के 2 खातेदारों से 1 करोड़ 7 लाख रुपए की वसूली करनी है.
बैंक द्वारा बकायादारों के नामों के एलान पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पवार ने कहा कि जिन लोगों ने बैंक से लोन लिया है, उन्हें समय से चुकाना चाहिए. अगर कर्ज नहीं चुकाया है, तो बैंक कैसे चलेगी. उन्होंने कहा कि जिन किसानों पर दो लाख रुपए से कम का बकाया है, उनके नामों का अनाउंसमेंट नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीते 15 सालों से भाजपा की सरकार प्रदेश में रही है, जिसके चलते बीजेपी नेताओं ने बहुत ज्यादा लोन लिया है, इसलिए बैंक जो भी कर रही है, वह सही है.
बीजेपी ने इस कदम को बताया गलत
इस मामले में बीजेपी जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा का कहना है कि पूरे प्रदेश में किसानों की हालत खराब है, उस समय बैंक का यह कदम सरासर गलत है. जब किसानों को सहारा देने का समय है, तब उनके नामों का एलान करके सरकार किसानों की साख बाजार में खराब कर रही है.