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कर्ज वसूली के लिए जिला सहकारी बैंक का अनोखा तरीका, बीजेपी-कांग्रेस के बीच बयानबाजी - District Co-operative Bank

सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक ने अकृषि ऋण वसूली के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. जिस पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच बयानबाजी भी शुरू हो गई है.

बीजेपी-कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज
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Published : Nov 6, 2019, 12:10 PM IST

हरदा। जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक ने ऋण वसूली अभियान चलाया है, जिसके तहत बैंक से 2002 के बाद से अब तक ऋण लेने के बाद राशि जमा नहीं कराने वाले करीब 179 बकायादारों के नाम के बैनर बनवाकर शाखा के सामने लगा दिए गए हैं. साथ ही शहर में ऑटो से बकायादारों के नामों का एलान किया जा रहा है.

इसके अलावा बैंक वसूली के लिए बकाएदारों के घर जाकर गांधीगिरी के जरिए कर्ज जमा करने का निवेदन भी केरगी. बैंक के बकायादारों में अधिकांश प्रमुख राजनीतिक दलों से जुड़े या सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग हैं, जिन्होंने अपने रसूख के चलते सालों से बैंक से लिया कर्ज नहीं लौटाया.

बीजेपी-कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज

बैंक को 25 व्यापारिक लिमिट से 3 करोड़ 4 लाख 65, आवास कर्ज से 3 करोड़ 62 लाख, वाहन ऋण के 81 बकायादारों से 2 करोड़ 97 लाख, चारपहिया वाहन के 5 बकायादारों से 25 लाख 73 हजार, वेयरहाउस ऋण के 2 खातेदारों से 1 करोड़ 7 लाख रुपए की वसूली करनी है.

बैंक द्वारा बकायादारों के नामों के एलान पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पवार ने कहा कि जिन लोगों ने बैंक से लोन लिया है, उन्हें समय से चुकाना चाहिए. अगर कर्ज नहीं चुकाया है, तो बैंक कैसे चलेगी. उन्होंने कहा कि जिन किसानों पर दो लाख रुपए से कम का बकाया है, उनके नामों का अनाउंसमेंट नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीते 15 सालों से भाजपा की सरकार प्रदेश में रही है, जिसके चलते बीजेपी नेताओं ने बहुत ज्यादा लोन लिया है, इसलिए बैंक जो भी कर रही है, वह सही है.

बीजेपी ने इस कदम को बताया गलत

इस मामले में बीजेपी जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा का कहना है कि पूरे प्रदेश में किसानों की हालत खराब है, उस समय बैंक का यह कदम सरासर गलत है. जब किसानों को सहारा देने का समय है, तब उनके नामों का एलान करके सरकार किसानों की साख बाजार में खराब कर रही है.

हरदा। जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक ने ऋण वसूली अभियान चलाया है, जिसके तहत बैंक से 2002 के बाद से अब तक ऋण लेने के बाद राशि जमा नहीं कराने वाले करीब 179 बकायादारों के नाम के बैनर बनवाकर शाखा के सामने लगा दिए गए हैं. साथ ही शहर में ऑटो से बकायादारों के नामों का एलान किया जा रहा है.

इसके अलावा बैंक वसूली के लिए बकाएदारों के घर जाकर गांधीगिरी के जरिए कर्ज जमा करने का निवेदन भी केरगी. बैंक के बकायादारों में अधिकांश प्रमुख राजनीतिक दलों से जुड़े या सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग हैं, जिन्होंने अपने रसूख के चलते सालों से बैंक से लिया कर्ज नहीं लौटाया.

बीजेपी-कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज

बैंक को 25 व्यापारिक लिमिट से 3 करोड़ 4 लाख 65, आवास कर्ज से 3 करोड़ 62 लाख, वाहन ऋण के 81 बकायादारों से 2 करोड़ 97 लाख, चारपहिया वाहन के 5 बकायादारों से 25 लाख 73 हजार, वेयरहाउस ऋण के 2 खातेदारों से 1 करोड़ 7 लाख रुपए की वसूली करनी है.

बैंक द्वारा बकायादारों के नामों के एलान पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पवार ने कहा कि जिन लोगों ने बैंक से लोन लिया है, उन्हें समय से चुकाना चाहिए. अगर कर्ज नहीं चुकाया है, तो बैंक कैसे चलेगी. उन्होंने कहा कि जिन किसानों पर दो लाख रुपए से कम का बकाया है, उनके नामों का अनाउंसमेंट नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीते 15 सालों से भाजपा की सरकार प्रदेश में रही है, जिसके चलते बीजेपी नेताओं ने बहुत ज्यादा लोन लिया है, इसलिए बैंक जो भी कर रही है, वह सही है.

बीजेपी ने इस कदम को बताया गलत

इस मामले में बीजेपी जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा का कहना है कि पूरे प्रदेश में किसानों की हालत खराब है, उस समय बैंक का यह कदम सरासर गलत है. जब किसानों को सहारा देने का समय है, तब उनके नामों का एलान करके सरकार किसानों की साख बाजार में खराब कर रही है.

Intro:जिला सहकारी बैंक ने वर्ष 2002 के बाद से अब तक बैंक से ऋण लेने के बाद राशि जमा नहीं कराने वाले करीब 179 बकायादारों के नाम के फेलेक्स बनवाकर शाखा के सामने लगा दिए है।इसके पहले पूरे शहर में ऑटो से एलाउंसमेट कराया जा रहा है।अब बैंक वसूली के लिए बकायादारों के घरों में जाकर हाथ जोड़कर गांधीगिरी करते हुए कर्ज जमा करने का भी निवेदन करेगी।बैंक को 25 व्यापारिक लिमिट से 3 करोड़,4 लाख,65 आवास ऋण से 3 करोड़ 62 लाख,वाहन ऋण के 81 बकायादारों से 2करोड़ 97 लाख,चार पहियावाहन के 5 बकायादारों से 25 लाख 73 हजार,वेयरहाउस ऋण के 2 खातेदारों से 1 करोड़ 7 लाख रुपए की वसूली करनी है।बैंक के इन बकायादारों में अधिकांश प्रमुख राजनीतिक दलों से जुड़े या सामाजिक संगठनों से जुड़े है।जो अपने रसूख के चलते सालो से बैंक से लिया ऋण नही लोटा रहे है।


Body:जिला सहकारी बैंक के द्वारा बकायादारों के नामों के एलाउंस कराए जाने के सवाल को लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पंवार ने कहा कि जिन लोगों ने बैंक से ऋण लिया है उन्हें समय से चुकाना चाहिए यदि ऋण नही चुकाया है तो बैंक कैसे चलेंगी।जिन किसानों पर दो लाख रुपए से कम का बकाया है उनके नामों का एनाउंसमेंट नही किया जा रहा है।काँग्रेज़ जिलाध्यक्ष पंवार का कहना है कि बकायादारों में काँग्रेज़ से ज्यादा भाजपा के नेता है।जिन्होंने लिमिट से बाहर जाकर बैंक से लोन लिया है।बीते 15 सालों से भाजपा की सरकार प्रदेश में रही है।जिसके चलते भाजपा नेताओं ने बहुत ज्यादा लोन लिया है।उन्होंने बैंक के द्वारा बकायादारों के नामों के एलाउंस कराने के तरीके को सही बताया है।उनका कहना है कि यदि किसी भी व्यक्ति ने बैंक से ऋण लिया है उसे समय से चुकाना चाहिए।
बाईट-लक्ष्मीनारायण पंवार
कांग्रेस जिलाध्यक्ष,हरदा



Conclusion:उधर भाजपा जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा का कहना है कि जब पूरे प्रदेश में किसानों की हालत खराब है उस दौरान बैंक का यह कदम सरासर गलत है।जब किसानों को सहारा देने का समय है।तब उनके नामों का एलाउंस कराकर सरकार किसानों की बाजार में साख खराब कर रही है।उनका कहना कि भाजपा और काँग्रेज़ में जो नेता है वो किसान है।इस साल अतिवृष्टि से किसानों को खासी परेशानी हो रही है।उस दौरान बैंक का यह कदम गलत है।
बाईट-अमरसिंह मीणा
भाजपा जिलाध्यक्ष,हरदा
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