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हरदा जिले में महादेव का अनोखा मंदिर, यहां मंदिर में नहीं प्रवेश द्वार, नंदी जी करते हैं मंदिर की रक्षा

वैसे तो शिवालयों में मुख्य द्वार पर प्रवेश द्वार होते है लेकिन ऋद्धेनाथ महादेव मंदिर में प्रवेश द्वार के स्थान पर नंदी स्वंय प्रकट हो कर मंदिर की रक्षा करते हैं.

हरदा जिले में महादेव का अनोखा मंदिर
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Published : Oct 27, 2019, 11:19 PM IST

हरदा। हंडिया गांव स्थित ऋद्धेनाथ महादेव का मंदिर प्राचीन काल से ही मान्यताओं का घर रहा है. इस मंदिर में प्रवेश द्वारा की जगह स्वंय नंदी जी विराजमान है. शिवालयों में मुख्य द्वार पर प्रवेश द्वार होते है लेकिन ऋद्धेनाथ महादेव मंदिर में प्रवेश द्वार के स्थान पर नंदी स्वंय प्रकट हो कर मंदिर की रक्षा करते हैं.

इस मंदिर में भगवान नंदी करते हैं रक्षा

इस मंदिर में प्रवेश के लिए उत्तर और दक्षिण दिशा से रास्ता है. ऋद्धेनाथ महादेव मंदिर के सामने वाले सभा मंडप की मरम्मत 1623 ईस्वी में हुई थी. मंदिर में 5 पंडित ब्रह्म मुहूर्त में भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं. यहां दीपावली के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने के बाद श्रध्दालु भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं.

यह मंदिर हरदा से 20 किलोमीटर दूर हंडिया गांव में स्थित है. नर्मदा नदी के तट पर स्थापित ऐतिहासिक ऋद्धेनाथ महादेव की स्थापना धन के राजा कुबेर ने महादेव के आदेश से की थी. जब रावण ने धन के राजा कुबेर से अलकापुरी का राज छीन लिया तब पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया.

इसके बाद धनराज कुबेर जी ने सलिला नर्मदा नदी के तट पर महादेव की कठिन तपस्या की थी. कुबेर की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर उनके ऋद्धेनाथ महादेव के रूप की स्थापना करने पर रावण द्वारा छीनी गई अलकापुरी का राज्य पुनः वापस करने का वरदान दिया था.

कुबेर ने भगवान महादेव के ऋद्धनाथ की स्थापना की थी जिसका उल्लेख होशंगाबाद के गजेटियर में भी है. दीपावली पर हजारों श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर धन्य धान्य और खुशहाली की कामना की जाती है.

हरदा। हंडिया गांव स्थित ऋद्धेनाथ महादेव का मंदिर प्राचीन काल से ही मान्यताओं का घर रहा है. इस मंदिर में प्रवेश द्वारा की जगह स्वंय नंदी जी विराजमान है. शिवालयों में मुख्य द्वार पर प्रवेश द्वार होते है लेकिन ऋद्धेनाथ महादेव मंदिर में प्रवेश द्वार के स्थान पर नंदी स्वंय प्रकट हो कर मंदिर की रक्षा करते हैं.

इस मंदिर में भगवान नंदी करते हैं रक्षा

इस मंदिर में प्रवेश के लिए उत्तर और दक्षिण दिशा से रास्ता है. ऋद्धेनाथ महादेव मंदिर के सामने वाले सभा मंडप की मरम्मत 1623 ईस्वी में हुई थी. मंदिर में 5 पंडित ब्रह्म मुहूर्त में भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं. यहां दीपावली के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने के बाद श्रध्दालु भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं.

यह मंदिर हरदा से 20 किलोमीटर दूर हंडिया गांव में स्थित है. नर्मदा नदी के तट पर स्थापित ऐतिहासिक ऋद्धेनाथ महादेव की स्थापना धन के राजा कुबेर ने महादेव के आदेश से की थी. जब रावण ने धन के राजा कुबेर से अलकापुरी का राज छीन लिया तब पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया.

इसके बाद धनराज कुबेर जी ने सलिला नर्मदा नदी के तट पर महादेव की कठिन तपस्या की थी. कुबेर की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर उनके ऋद्धेनाथ महादेव के रूप की स्थापना करने पर रावण द्वारा छीनी गई अलकापुरी का राज्य पुनः वापस करने का वरदान दिया था.

कुबेर ने भगवान महादेव के ऋद्धनाथ की स्थापना की थी जिसका उल्लेख होशंगाबाद के गजेटियर में भी है. दीपावली पर हजारों श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर धन्य धान्य और खुशहाली की कामना की जाती है.

Intro:जहां एक ओर पूरा देश पूरा देश दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन कर रहा है वही दूसरी ओर मध्यप्रदेश के हरदा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम हंडिया में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित ऐतिहासिक ऋद्धनाथ महादेव की स्थापना धन के राजा कुबेर ने महादेव के आदेश से की थी।जब लंकापति रावण ने धन के राजा कुबेर से अलकापुरी का राज छीन लिया था।तब पूरी दुनिया मे हा हा कार मच गया था।जिसके बाद कुबेर ने पुण्य सलिला नर्मदा नदी के तट पर बैठकर कठिन तपस्या की थी।कुबेर की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर उनके रिध्देश्वर रूप की स्थापना करने पर रावण के द्वारा छीनी गई अलकापुरी का राज्य पुनः प्राप्त करने का वरदान दिया था।जिसके बाद यहां पर कुबेर ने भगवान महादेव के ऋद्धनाथ की स्थापना की गई थी।जिसका उल्लेख होशंगाबाद के गजेटियर में भी है।जिसके चलते दीपावली पर हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर धन्य धान्य और खुशहाली की कामना की जाती है।


Body:वैसे अधिकांश शिवालयों में मुख्य द्वार पर प्रवेश द्वार होते है।लेकिन हंडिया के ऋधेश्वर महादेव मंदिर में प्रवेश द्वार के स्थान पर नंदी विराजमान है।इस मंदिर में प्रवेश के लिएउत्तर व दक्षिण दिशा से रास्ता है।ऋद्धनाथ महादेव मंदिर के सामने वाले सभा मंडप की मरम्मत 1623 ईसवी में होना बताई जाती है।इस मंदिर में हर सुबह 5 पंडितों के द्वारा ब्रह्म मुहूर्त में भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है।यहां पर दीपावली के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने के बाद लोग भोलेनाथ का अभिषेक करते है।वही कंगाल हुए कुबेर के धन्य धान्य से संपन्न होने के जैसे फल की इच्छा की कामना की जाती है।
बाईट- अखिलेश पाराशर,श्रद्धालु,हरदा


Conclusion:यहां पर दीपावली के दिन नर्मदा नदी में स्नान कर भगवान का पूजन अभिषेक करने से धन्य धान्य की प्राप्ति होती है।जिस तरह भगवान ने कुबेर को संपन्न बनाया था ठीक उसी प्रकार से यहां के दर्शन करने से सभी भक्तों को उनका मनोवांछित फल मिलता है।
बाईट- पंडित नवीन व्यास,पुजारी रिद्धनाथ मंदिर हंडिया
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