हरदा। कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने का भय अब आम लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स के बीच में भी देखने को मिल रहा है. हरदा जिले के कई निजी डॉक्टर अपने क्लीनिक पर डॉक्टर्स के आगामी 15 अप्रैल तक शहर से बाहर होने की जानकारी लगाकर मरीजों को चलता कर दिया है. वहीं कुछ ने अपने निजी क्लीनिक में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के जरूरी संसाधन उपलब्ध ना होने का हवाला दिया जा रहा है.
जिसको लेकर मरीजों का उपचार नहीं करना बताया जा रहा है. जिसके चलते मरीजों की फजीहत हो रही है, खासकर पिछले कई दिनों से उपचार कराने वाली गर्भवती महिलाओं को इस परेशानी के दौरान ज्यादा तकलीफ से भुगतना पड़ रही है.
रेवा नर्सिंग होम के संचालक डॉ गोविंद पटेल के द्वारा अपने निजी अस्पताल में आने वाले मरीजों को अस्पताल के गेट पर ही सेनिटाइज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट डॉक्टर्स को मरीजों का उपचार करने आगे आना चाहिए. जो सामने नहीं आ रहे हैं. उनके सामने या तो संसाधनों की कमी है या फिर वे डर रहे हैं.
उधर ग्राम खेड़ा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी पत्नी का उपचार बीते सात महीने से एक निजी नर्सिंग होम में चल रहा था. लेकिन प्रसव के दौरान सम्बंधित डॉक्टर्स के उपलब्ध नही होने से उन्हें अपनी पत्नी का उपचार अन्य नर्सिंग होंम में कराना पड़ा. जिला अस्पताल के सीएमएचओ के द्वारा इस तरह से उपचार नहीं करने वाले डॉक्टर्स को नोटिस जारी करने की बात कही है. साथ ही उन्हें मरीजों को उपचार देने की भी सलाह दी है.