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किसान की मौत पर सियासत: बीजेपी-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर लगाया आरोप, जीतू पटवारी ने कही ये बात

मध्यप्रदेश के हरदा जिले के अतरसमा गांव में किसान की आत्महत्या के बाद अब सियासत शुरू हो गई है. किसान की मौत के बाद जहां कांग्रेस ने कहा है किसान ने कर्ज के चलते आत्महत्या की है, वहीं भाजयुमो नेता ने कहा है कि किसान की मौत कर्ज से नहीं हुई है.

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Published : Sep 22, 2020, 1:55 AM IST

HARDAPolitics
हरदा न्यूज

हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा जिले के अतरसमा गांव में किसान की आत्महत्या के बाद अब सियासत शुरू हो गई है. किसान की कर्ज से मौत की खबर के बाद कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल जिसमें पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी एवं कुणाल चौधरी समेत अन्य कई कांग्रेस नेता मृतक किसान के परिजनों के पास शोक संवेदनाव्यक्त करने पहुंचे. वहां से लौटने के दौरान उन्हें गांव के कुछ युवाओं और भाजयुमो के नेता के विरोध का सामना करना पड़ा.

किसान की मौत पर सियासत

भाजयुमो नेता विजय जेवल्या का कहना था कि किसान की मौत कर्ज से नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस नेता यहां आकर परिजनों से अलग-अलग बात कर कर्ज से मौत होने की बात कर रहे हैं. जबकि मृतक ने अन्य कारणों से आत्महत्या की है. भाजयुमो ने कांग्रेस नेताओं का विरोध जताते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस किसान की मौत पर राजनीति कर रही है.

वहीं विरोध का सामना करने के बाद कांग्रेस नेताओं का कहना है कि किसान ने कर्ज से आत्महत्या की है. ये खबर मीडिया में आने के बाद वे शोक संवेदनाव्यक्त करने पहुंचे थे. जहां कुछ लोगों के द्वारा मृतक किसान के परिजनों पर प्रेशर की राजनीति करने का आरोप लगाया है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में किसी भी किसान की मौत पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बात होनी चाहिए .उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की संवेदना समझना चाहिए. वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल पर तंज कसते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें ज्ञान दे कि प्रदेश का कोई किसान आत्महत्या ना करें.

पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि मृतक किसान पर करीब चार लाख रूपये से ऊपर का कर्ज था. जिसके चलते उसने आत्महत्या की है. उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसानों से सौतेला व्यवहार करने और फसल बीमा के नाम पर किसानों से छल करने का भी आरोप लगाया है.

हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा जिले के अतरसमा गांव में किसान की आत्महत्या के बाद अब सियासत शुरू हो गई है. किसान की कर्ज से मौत की खबर के बाद कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल जिसमें पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी एवं कुणाल चौधरी समेत अन्य कई कांग्रेस नेता मृतक किसान के परिजनों के पास शोक संवेदनाव्यक्त करने पहुंचे. वहां से लौटने के दौरान उन्हें गांव के कुछ युवाओं और भाजयुमो के नेता के विरोध का सामना करना पड़ा.

किसान की मौत पर सियासत

भाजयुमो नेता विजय जेवल्या का कहना था कि किसान की मौत कर्ज से नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस नेता यहां आकर परिजनों से अलग-अलग बात कर कर्ज से मौत होने की बात कर रहे हैं. जबकि मृतक ने अन्य कारणों से आत्महत्या की है. भाजयुमो ने कांग्रेस नेताओं का विरोध जताते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस किसान की मौत पर राजनीति कर रही है.

वहीं विरोध का सामना करने के बाद कांग्रेस नेताओं का कहना है कि किसान ने कर्ज से आत्महत्या की है. ये खबर मीडिया में आने के बाद वे शोक संवेदनाव्यक्त करने पहुंचे थे. जहां कुछ लोगों के द्वारा मृतक किसान के परिजनों पर प्रेशर की राजनीति करने का आरोप लगाया है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में किसी भी किसान की मौत पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बात होनी चाहिए .उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की संवेदना समझना चाहिए. वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल पर तंज कसते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें ज्ञान दे कि प्रदेश का कोई किसान आत्महत्या ना करें.

पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि मृतक किसान पर करीब चार लाख रूपये से ऊपर का कर्ज था. जिसके चलते उसने आत्महत्या की है. उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसानों से सौतेला व्यवहार करने और फसल बीमा के नाम पर किसानों से छल करने का भी आरोप लगाया है.

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