हरदा। जिला मुख्यालय के 35 वार्डों से निकलने वाले कचरे को नगर पालिका सालों से स्थानीय मुक्तिधाम के पास ट्रेंचिंग ग्राउंड में फेंकती आ रही है. यह नगर पालिका के द्वारा कचरे को कम करने के लिए पॉलिथीन में आग लगा दी जाती है. जिससे कई वार्डों के रहवासियों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है. आग के धुंए से लोगों का जीना दूभर हो गया है. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सहित अनेक संगठनों ने नगर पालिका को यहां कचरा फेंकने के साथ आग न लगाने का निवेदन भी किया है. लेकिन अब तक यह समस्या हल नहीं हो पाई है.
- नदी का पानी हो रहा दूषित
शहर की जीवनदायिनी अजनाल नदी का पानी भी मुक्तिधाम के पास फेंके जा रहे कचरे से दृश्य दूषित हो रहा है. जिससे कि एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के नियमों की खुलेआम अवहेलना हो रही है. मुक्तिधाम के पास से निकलने वाले मार्ग से भी ग्रामीणों का आवागमन होता है. यहां से निकलने वाले राहगीरों को भी रोजाना दूषित धुंए के बीच से गुजरना पड़ता है. ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास शहर की लगभग 20 से 25% आबादी रहती है. जो धुएं से परेशान होती है. इस मामले को लेकर कांग्रेस के द्वारा पूर्व में धरना प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन नगर पालिका की उदासीनता के चलते यह समस्या हल नहीं हो पाई है.
देखरेख के अभाव में निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड में कंडम हो रहे करोड़ों के वाहन
- कचरे में आग नहीं लगाता निगम
इस मामले को लेकर नगर पालिका सीएमओ का कहना है कि नगर पालिका के द्वारा कभी भी कचरे में आग नहीं लगाई जाती है. बल्कि कचरा बीनने वाले लोग यहां फेंके जाने से कचरे में आग लगाकर धातु गिरने का काम करते हैं. जब आग लगाए जाने की सूचना मिलती है, तो नगर पालिका तत्काल फायर ब्रिगेड भेज कर कचरे में लगी आग को बुझाई जाती है.