ETV Bharat / state

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन संगठन ने घर लौटे मजदूरों की जानी परेशानी, सरकार से की ये मांग

राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के पदाधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में और शहर की निचली बस्तियों में जाकर महानगरों से लौटकर आए मजदूरों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना.

Rajiv Gandhi Panchayati Raj Organization
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन
author img

By

Published : May 29, 2020, 12:05 AM IST

हरदा। लॉकडाउन के चलते देश के कई राज्यों और बड़े महानगरों में मजदूरी करने वाले लाखों मजदूर पलायन कर रहे हैं. इस दौरान इन मजदूरों के सामने परिवार को पालने के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के पदाधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में और शहर की निचली बस्तियों में जाकर महानगरों से लौटकर आए मजदूरों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना.

पंचायती राज संगठन के पदाधिकारी जान रहे मजदूरों की परेशानी

राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत डालेगा और महासचिव ने कुकराबाद में पहुंचकर गांव लौटकर आए मजदूरों और दूसरे क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानीं.

मजदूरों का कहना है कि वे पिछले डेढ़ महीने से बिना किसी काम के अपने घरों में बैठे हैं. उन्हें उनकी कंपनी द्वारा मार्च महीने में तो पूरी सैलरी दी गई, लेकिन अप्रैल में आधी सैलरी ही दी गई. उसके बाद अब कोई सैलरी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते उन्हें मकान का किराया भरने के साथ-साथ अपने परिवार को चलाने की चिंता सताने लगी है.

साथ ही हरदा के संत रविदास चौक के पास रहने वाली महिलाओं ने भी लॉकडाउन के दौरान आने वाली परेशानियों से अवगत कराया. महिलाओं का कहना था कि उनके पति बीते 2 महीनों से घर पर ही हैं. आय का कोई साधन न होने से उन्हें अब परेशान होना पड़ रहा है.

राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत डालेगा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मजदूर वर्ग काफी परेशान है. सरकार को प्रत्येक परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में 10 दस हजार रुपए दिए जाने चाहिए. साथ ही मनरेगा में मजदूरी का काम 100 दिन की बजाय 200 दिन कर देना चाहिए, जिससे मजदूर अपना परिवार पाल सकें.

हरदा। लॉकडाउन के चलते देश के कई राज्यों और बड़े महानगरों में मजदूरी करने वाले लाखों मजदूर पलायन कर रहे हैं. इस दौरान इन मजदूरों के सामने परिवार को पालने के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के पदाधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में और शहर की निचली बस्तियों में जाकर महानगरों से लौटकर आए मजदूरों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना.

पंचायती राज संगठन के पदाधिकारी जान रहे मजदूरों की परेशानी

राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत डालेगा और महासचिव ने कुकराबाद में पहुंचकर गांव लौटकर आए मजदूरों और दूसरे क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानीं.

मजदूरों का कहना है कि वे पिछले डेढ़ महीने से बिना किसी काम के अपने घरों में बैठे हैं. उन्हें उनकी कंपनी द्वारा मार्च महीने में तो पूरी सैलरी दी गई, लेकिन अप्रैल में आधी सैलरी ही दी गई. उसके बाद अब कोई सैलरी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते उन्हें मकान का किराया भरने के साथ-साथ अपने परिवार को चलाने की चिंता सताने लगी है.

साथ ही हरदा के संत रविदास चौक के पास रहने वाली महिलाओं ने भी लॉकडाउन के दौरान आने वाली परेशानियों से अवगत कराया. महिलाओं का कहना था कि उनके पति बीते 2 महीनों से घर पर ही हैं. आय का कोई साधन न होने से उन्हें अब परेशान होना पड़ रहा है.

राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत डालेगा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मजदूर वर्ग काफी परेशान है. सरकार को प्रत्येक परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में 10 दस हजार रुपए दिए जाने चाहिए. साथ ही मनरेगा में मजदूरी का काम 100 दिन की बजाय 200 दिन कर देना चाहिए, जिससे मजदूर अपना परिवार पाल सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.