हरदा। कोरोना काल के दौरान पुलिसकर्मियों ने कर्तव्यनिष्ठा की मिशाल पेश की है. संकट की इस घड़ी में वे फ्रंटलाइन वॉरियर बनकर डटे हुए हैं और कानून व्यवस्था से लेकर तमाम प्रशासनिक सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन ये सब करना आसान नहीं हैं. परिवार और ड्यूटी में संतुलन बनाए रखना, लोगों की सुरक्षा के साथ खुद भी सुरक्षित रहना ये तमाम चुनौतियों से पुलिसकर्मियों का सामना हर दिन होता है. ऐसी ही कहानी है एसपी मनीष कुमार अग्रवाल की. मनीष ज्यादार अपने माता-पिता के साथ ही रहे हैं. लेकिन कोरोना काल के चलते हुए लॉकडाउन में वे बीते 4 महीनों से उनसे दूर हैं.
एसपी मनीष कुमार अग्रवाल निजी जिंदगी में तो अनुशासित हैं ही, उनकी नेतृत्व क्षमता का भी कोई जवाब नहीं. अपने साथियों का ध्यान रखना या शहर में कानून व्यवस्था सारा काम बखूबी करते हैं. उनकी कार्य कुशलता का ही परिणाम है कि अभी तक जिले का कोई भी पुलिसकर्मी संक्रमण की चपेट में नहीं आया है.
पैदल मार्च हो या साइकिल से नगर में निकाली गई जागरूकता रैली, सुरक्षा समिति के सदस्यों को कोरोना से बचकर ड्यूटी करने टिप्स से लेकर तमाम कार्यों की बागडोर संभाली है. इतना ही नहीं उन्होंने साथी पुलिसकर्मियों के मनोबल बढ़ाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. इंदौर में तुकोगंज थाने में पदस्थ एसआई, हरदा जिले के रहने वाले हैं, ड्यूटी के चलते अपनी बेटी के जन्मदिन पर घर नहीं आ सके. एसपी मनीष कुमार ने उनकी बेटी का जन्मदिन सेलिब्रेट किया.
एसपी अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने तमाम अनुभवों को साझा किया है. वे हरदा के युवा कलेक्टर अनुराग वर्मा के कंधे से कंधा मिलाकर जिले के लोगों को एक महामारी से बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि अपने माता-पिता से दूर रहने का मलाल उन्हें होता है, लेकिन इन तमाम बातों को पीछे छोड़ते हुए 53 वर्षीय एसपी मनोज कुमार अग्रवाल अपना फर्ज निभा रहे हैं.