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फर्जी निकला शिक्षिकाओं की प्रताड़ना का आदेश, जांच के बाद कड़ी कार्रवाई के निर्देश

भोपाल लोक शिक्षण आयुक्त की सील वाले एक आदेश ने हरदा शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है. जब आदेश की जांच की गई, तो वह फर्जी निकला. इस मामले में जांच के बाद कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

फर्जी निकला शिक्षिकाओं की प्रताड़ना का आदेश
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Published : Nov 16, 2019, 8:43 AM IST

हरदा। जिला शिक्षा विभाग में आए एक पत्र ने हड़कंप मचा दिया है. भोपाल लोक शिक्षण आयुक्त के नाम से जारी हुए इस पत्र में शासकीय सील भी लगी हुई है. पत्र में जिले के डीपीसी द्वारा शिक्षिकाओं को शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर दूसरी शालाओं में पदस्थ कर मानसिक रूप से परेशान किए जाने की शिकायत की गई है.

पत्र में दिए गए ये आदेश

पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर या अन्य प्रकार से महिला शिक्षकों को अध्यापन कार्य के लिए बाहरी शालाओं में नहीं भेजा जा सकता. सोशल मीडिया पर वायरल पत्र के मुताबिक किसी भी परिस्थिति में शिक्षिकाओं को शाम 4:30 बजे बाद शाला में नहीं रोका जाए.

फर्जी निकला शिक्षिकाओं की प्रताड़ना का आदेश

जांच के बाद पाया गया फर्जी

कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के नाम से जारी इस फर्जी आदेश में कमिश्नर की सील और साइन भी हैं. हालांकि कलेक्टर और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी ने इस आदेश को जांच के बाद फर्जी पाया है.

fake letter of harassment of women teacher
फर्जी निकला शिक्षिकाओं की प्रताड़ना का आदेश

यहां से जारी हुआ आदेश

इस पूरे मामले में जांच के बाद कठोर कार्रवाई करने की बात भी कही गई है. आदेश 13 नवंबर को कवर लेटर के जरिए शिक्षा विभाग से जुड़े वाट्सएप ग्रुप में जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के नाम से भेजा गया या पत्र 7 नवम्बर को भोपाल न्यू मार्केट टीटी नगर जीपीओ से स्पीड पोस्ट द्वारा हरदा भेजा गया था. हरदा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को 13 नवंबर को यह पत्र मिला. फिर उसे सत्यापन के लिए भोपाल लोक शिक्षण कार्यालय भेजा गया, जहां से इस तरह का आदेश पत्र जारी नहीं होने की बात कही गई.

कलेक्टर ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

मामले में लोक शिक्षण संचालनालय अधिकारी ने भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी को स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर एस विश्वनाथन ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है. फिलहाल इस मामले में FIR दर्ज करने के साथ कलेक्टर ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है.

हरदा। जिला शिक्षा विभाग में आए एक पत्र ने हड़कंप मचा दिया है. भोपाल लोक शिक्षण आयुक्त के नाम से जारी हुए इस पत्र में शासकीय सील भी लगी हुई है. पत्र में जिले के डीपीसी द्वारा शिक्षिकाओं को शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर दूसरी शालाओं में पदस्थ कर मानसिक रूप से परेशान किए जाने की शिकायत की गई है.

पत्र में दिए गए ये आदेश

पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर या अन्य प्रकार से महिला शिक्षकों को अध्यापन कार्य के लिए बाहरी शालाओं में नहीं भेजा जा सकता. सोशल मीडिया पर वायरल पत्र के मुताबिक किसी भी परिस्थिति में शिक्षिकाओं को शाम 4:30 बजे बाद शाला में नहीं रोका जाए.

फर्जी निकला शिक्षिकाओं की प्रताड़ना का आदेश

जांच के बाद पाया गया फर्जी

कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के नाम से जारी इस फर्जी आदेश में कमिश्नर की सील और साइन भी हैं. हालांकि कलेक्टर और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी ने इस आदेश को जांच के बाद फर्जी पाया है.

fake letter of harassment of women teacher
फर्जी निकला शिक्षिकाओं की प्रताड़ना का आदेश

यहां से जारी हुआ आदेश

इस पूरे मामले में जांच के बाद कठोर कार्रवाई करने की बात भी कही गई है. आदेश 13 नवंबर को कवर लेटर के जरिए शिक्षा विभाग से जुड़े वाट्सएप ग्रुप में जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के नाम से भेजा गया या पत्र 7 नवम्बर को भोपाल न्यू मार्केट टीटी नगर जीपीओ से स्पीड पोस्ट द्वारा हरदा भेजा गया था. हरदा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को 13 नवंबर को यह पत्र मिला. फिर उसे सत्यापन के लिए भोपाल लोक शिक्षण कार्यालय भेजा गया, जहां से इस तरह का आदेश पत्र जारी नहीं होने की बात कही गई.

कलेक्टर ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

मामले में लोक शिक्षण संचालनालय अधिकारी ने भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी को स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर एस विश्वनाथन ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है. फिलहाल इस मामले में FIR दर्ज करने के साथ कलेक्टर ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है.

Intro:हरदा जिले के डीपीसी आर एस तिवारी के द्वारा नगर की कन्या शाला की शिक्षिकाओं को प्रताड़ित करने का हवाला देकर लोकशिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत के नाम से प्रदेश की सभी कलेक्टर,सीईओ जिला पंचायत,जिला परियोजना समन्वयक,जिला शिक्षा अधिकारी,ब्लाक शिक्षा अधिकारी के नाम से जारी एक फर्जी पत्र जिसमें आयुक्त के सील और साइन भी किये गए है।जो हरदा डीओ कार्यालय की सील से 13 नवंबर को जारी होने बताया जा रहा है।जबकि यह पत्र के जारी होने की तारीख 1 नवम्बर लिखी हुई है।डीईओ कार्यालय के द्वारा जब इस मामले को लेकर लोक शिक्षण आयुक्त कार्यालय से बात की गई तो इस पत्र के फर्जी होने की बात सामने आई है।इस पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए लोक शिक्षण संचालन भोपाल के संचालक गौतम सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।इस पूरे मामलेको लेकर पूरे प्रदेश में शिक्षाविभाग हरदा की छवि सोशल मीडिया के जरिये खराब हुई है।


Body:जब इस तरह का कोई पत्र विभाग के पोर्टल या ईमेल आईडी से जारी नही हुआ।लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 13 नवंबर को कवरिंग लेटर के माध्यम से पूरे जिले में शिक्षा विभाग से जुड़े वाट्सएप ग्रुप में जारी किया गया है।डीईओ कार्यालय में पत्र को डाक के माध्यम से आना बताया जा रहा है।वही विभागीय सूत्रों के मुताबिक यह पत्र भोपाल के न्यू मार्केट के पास के डाक घर से भेजा गया है।जिसको लेकर विभाग के द्वारा फर्जी पत्र भेजने वाले का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज मांगे है
बाईट- विक्रम नरवरिया
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक
जिला शिक्षाअधिकारी कार्यालय हरदा




Conclusion:इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर एस विश्वनाथन ने किसी व्यक्ति के द्वारा साजिश के तौर पर इस तरह का फर्जी पत्र जारी करने और भृम फैलाने की बात कही है।उन्होनें कहा कि इस पत्र को पढ़ने के बाद यह लग रहा है कि कोई हमारे शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी को बदनाम करने को लेकर इस तरह का पत्र जारी किया गया है।इस मामले में हमारे द्वारा एफआईआर की कार्यवाही की जा रही है।वही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बाईट- एस विश्वनाथन
कलेक्टर,हरदा
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