हरदा। शासन के द्वारा कोविड-19 महामारी को देखते हुए जिला अस्पताल में करीब 1 महीने पहले चार वेंटिलेटर भेजे गए हैं, लेकिन उनके इंस्टॉल ना होने के चलते आईसीयू वार्ड शुरू नहीं हो सका है. जिसके चलते गंभीर श्रेणी के मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है. सिविल सर्जन डॉ शिरीष रघुवंशी का दावा है कि आगामी 3 से 4 दिनों के भीतर जिला अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के लिए चार वेंटिलेटर और सर्व सुविधा युक्त 10 बेड का आईसीयू वार्ड जिसमें ऑक्सीजन की सुविधा भी रहेगी शुरू किया जा रहा है. जिसके चलते जिला अस्पताल में आने वाले कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को अन्य महानगरों में रेफर नहीं किया जाएगा.
1 करोड़ की लागत से क्रिटिकल आईसीयू वार्ड तैयार
कोरोना महामारी से निपटने के लिए पूरे जिले में जिला अस्पताल को छोड़कर किसी भी सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है. शासन के द्वारा करीब एक करोड़ रुपए की लागत से क्रिटिकल मरीजों को उपचार के लिए आईसीयू वार्ड तैयार किया जा रहा है, बताया जा रहा है कि करीब 1 महीने पहले शासन स्तर से जिला अस्पताल को चार वेंटिलेटर भेजे गए थे, जो बहुत दिनों तक अस्पताल के गोदाम में पड़े रहे. स्वास्थ्य संचनालय के द्वारा एक वेंटिलेटर पीएम केयर फंड की मदद से और 3 राज्य शासन से भेजे गए हैं, वहीं बैंक लेटर के संचालन के लिए 2 डॉक्टर को एम्स भोपाल से प्रशिक्षित भी किया गया है.
सिविल सर्जन का दावा
सिविल सर्जन डॉक्टर रघुवंशी का कहना है कि कोरोना का ग्राफ अब लगातार कम हो रहा है, अब ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन के द्वारा डॉक्टरों के परामर्श से ठीक किया जा सकता है. उनका दावा है कि गंभीर मरीजों के उपचार के लिए आगामी 2 से 3 दिन के भीतर ऑक्सीजन के साथ वेंटिलेटर शुरू किए जा रहे हैं. जिसके चलते जिला अस्पताल में आने वाले कोविड-19 मरीज को रेफर नहीं किया जाएगा, उनका इलाज जिला अस्पताल के कोविड-19 के मरीजों के लिए बनाए गए सर्व सुविधा युक्त आईसीयू वार्ड में किया जा सकेगा.