हरदा। किसानों के द्वारा खरीफ सीजन में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की फसल लगाई जाती है, लेकिन बीते कई सालों से कभी कम बारिश, तो कभी अतिवृष्टि, तो कभी कीट लगने के चलते सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग के द्वारा सोयाबीन की फसल के विकल्प के रूप में जिले के किसानों को अन्य फसलों की ओर प्रेरित किया जा रहा है.
कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत शुक्रवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा और जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव ने जिले के 10 उन्नत किसानों को रामतिल के बीज का वितरण कर, उन्हें अपने खेतों में सोयाबीन के विकल्प के रूप में नवाचार कर लगाने के लिए प्रेरित किया. कृषि विभाग के द्वारा छिंदवाड़ा से करीब 7 क्विंटल बीज किसानों को देने के लिए बुलाया गया है, जिसका प्रति हेक्टेयर करीब 7 से 8 क्विंटल उत्पादन होने का अनुमान है.
कनारदा गांव के किसान नितिन जोशी ने बताया कि, कृषि विभाग के बताए अनुसार उन्होंने पहली बार सोयाबीन के विकल्प के रूप में रामतिल लगाई है, यदि अच्छी पैदावार होती है तो, अगले सीजन में इसकी खेती को और ज्यादा करेंगे.
कृषि विभाग के सहायक संचालक कपिल बेड़ा ने बताया कि, सोयाबीन के विकल्प के रूप में किसानों को रामतिल लगाए जाने को लेकर आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत बीज प्रदान किए गए हैं. जिले में करीब तीन सौ से अधिक किसान पहली बार रामतिल का बीज लगाकर नवाचार कर रहे हैं. राम तिल को जिले में सोयाबीन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जो कम खर्चे में अधिक मुनाफा देने वाली फसल साबित हो सकती है.