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सोयाबीन के विकल्प के रूप में किसान करेंगे रामतिल की खेती - Ramtil seed

हरदा के किसानों को कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत कलेक्टर अनुराग वर्मा और जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव ने रामतिल के बीज का वितरण किया. जो सोयाबीन के विकल्प के रूप में किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है.

Harda farmers to sow Ramatil as an alternative to soybean in harda for good produce
सोयाबीन के विकल्प के रूप में हरदा के उन्नत किसान लगाएंगे रामतिल
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Published : Jun 26, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 9:21 PM IST

हरदा। किसानों के द्वारा खरीफ सीजन में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की फसल लगाई जाती है, लेकिन बीते कई सालों से कभी कम बारिश, तो कभी अतिवृष्टि, तो कभी कीट लगने के चलते सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग के द्वारा सोयाबीन की फसल के विकल्प के रूप में जिले के किसानों को अन्य फसलों की ओर प्रेरित किया जा रहा है.

Harda farmers to sow Ramatil as an alternative to soybean in harda for good produce
सोयाबीन के विकल्प के रूप में हरदा के उन्नत किसान लगाएंगे रामतिल

कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत शुक्रवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा और जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव ने जिले के 10 उन्नत किसानों को रामतिल के बीज का वितरण कर, उन्हें अपने खेतों में सोयाबीन के विकल्प के रूप में नवाचार कर लगाने के लिए प्रेरित किया. कृषि विभाग के द्वारा छिंदवाड़ा से करीब 7 क्विंटल बीज किसानों को देने के लिए बुलाया गया है, जिसका प्रति हेक्टेयर करीब 7 से 8 क्विंटल उत्पादन होने का अनुमान है.

कनारदा गांव के किसान नितिन जोशी ने बताया कि, कृषि विभाग के बताए अनुसार उन्होंने पहली बार सोयाबीन के विकल्प के रूप में रामतिल लगाई है, यदि अच्छी पैदावार होती है तो, अगले सीजन में इसकी खेती को और ज्यादा करेंगे.

कृषि विभाग के सहायक संचालक कपिल बेड़ा ने बताया कि, सोयाबीन के विकल्प के रूप में किसानों को रामतिल लगाए जाने को लेकर आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत बीज प्रदान किए गए हैं. जिले में करीब तीन सौ से अधिक किसान पहली बार रामतिल का बीज लगाकर नवाचार कर रहे हैं. राम तिल को जिले में सोयाबीन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जो कम खर्चे में अधिक मुनाफा देने वाली फसल साबित हो सकती है.

हरदा। किसानों के द्वारा खरीफ सीजन में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की फसल लगाई जाती है, लेकिन बीते कई सालों से कभी कम बारिश, तो कभी अतिवृष्टि, तो कभी कीट लगने के चलते सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग के द्वारा सोयाबीन की फसल के विकल्प के रूप में जिले के किसानों को अन्य फसलों की ओर प्रेरित किया जा रहा है.

Harda farmers to sow Ramatil as an alternative to soybean in harda for good produce
सोयाबीन के विकल्प के रूप में हरदा के उन्नत किसान लगाएंगे रामतिल

कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत शुक्रवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा और जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव ने जिले के 10 उन्नत किसानों को रामतिल के बीज का वितरण कर, उन्हें अपने खेतों में सोयाबीन के विकल्प के रूप में नवाचार कर लगाने के लिए प्रेरित किया. कृषि विभाग के द्वारा छिंदवाड़ा से करीब 7 क्विंटल बीज किसानों को देने के लिए बुलाया गया है, जिसका प्रति हेक्टेयर करीब 7 से 8 क्विंटल उत्पादन होने का अनुमान है.

कनारदा गांव के किसान नितिन जोशी ने बताया कि, कृषि विभाग के बताए अनुसार उन्होंने पहली बार सोयाबीन के विकल्प के रूप में रामतिल लगाई है, यदि अच्छी पैदावार होती है तो, अगले सीजन में इसकी खेती को और ज्यादा करेंगे.

कृषि विभाग के सहायक संचालक कपिल बेड़ा ने बताया कि, सोयाबीन के विकल्प के रूप में किसानों को रामतिल लगाए जाने को लेकर आज आत्मा परियोजना के अंतर्गत बीज प्रदान किए गए हैं. जिले में करीब तीन सौ से अधिक किसान पहली बार रामतिल का बीज लगाकर नवाचार कर रहे हैं. राम तिल को जिले में सोयाबीन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जो कम खर्चे में अधिक मुनाफा देने वाली फसल साबित हो सकती है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 9:21 PM IST
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