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हरदा: कोरोना वॉरियर की भूमिका में नजर आए सहायक आयुक्त, 70 दिनों से लगातार फील्ड में कर रहे ड्यूटी

हरदा सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान पिछले 70 दिनों से लगातार कोरोना वॉरियर की भूमिका निभा रहे हैं, उन्होंने पूरे लॉकडाउन के दौरान फील्ड पर रहकर अपनी सेवाएं दी.

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Published : Jun 3, 2020, 6:26 PM IST

हरदा। सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान पिछले 70 दिनों से लगातार कोरोना वॉरियर की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने पूरे लॉकडाउन के दौरान फील्ड पर रहकर अपनी सेवाएं दीं. अखिलेश चौहान गेहूं खरीदी के दौरान हर केंद्र पर जाकर व्यवस्था बनाते रहे, उसी का परिणाम रहा की हरदा में 5 लाख मिट्रिक टन की रिकॉर्ड तोड़ गेहूं खरीदी पूरी हो पाई.

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सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान

अखिलेश चौहान ने बताया कि, वह मार्च माह में लॉकडाउन के बाद से अपने घर भोपाल नहीं जा पाए हैं. उन्होंने बताया कि, पत्नी प्रेग्नेंट है. जिसे उन्होंंने अपने माता-पिता के पास भेज दिया हैं. उन्हें गेहूं और चने की खरीदी के लिए रोजाना खरीदी केंद्रों पर जाना होता था, जिसके चलते संक्रमित होने का भय रहता था. इसी के चलते उन्होंने अपनी पत्नी को सुरक्षित रखने के लिए अपने से दूर रखा.

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फील्ड पर काम करते सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान

पिछले साल हरदा में 105 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, लेकिन इस साल किसानों की सुविधा के लिए 155 खरीदी केंद्र बनाए गए. शासन के द्वारा जिले में गेहूं खरीदी के लिए 2 महीने का समय निर्धारित किया गया था. जिसके एवज में जिले की 52 सहकारी समितियों के द्वारा 15 अप्रैल से 20 मई तक केवल 40 दिनों के भीतर पंजीयन कराने वाले 48 हजार 854 किसानों में से 43 हजार 332 किसानों से खरीदी कर जिले का लक्ष्य पूरा किया गया. शासन के द्वारा गेहूं खरीदी से किसानों को 952 करोड़ 96 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

उधर समर्थन मूल्य पर जिले में 6 मई से खरीदी शुरू की गई, जिसके लिए 14 केंद्र बनाए गए हैं. चने की बिक्री के लिए जिले के 9 हजार 200 किसानों ने पंजीयन कराया था, सहकारिता आयुक्त के द्वारा सतत निगरानी करते हुए, अब तक 30 हजार मिट्रिक टन लक्ष्य के बदले में 7 हजार 251 किसानों से 2 लाख 33 क्विंटल चने की खरीदी कर, करीब 34 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है.

लॉकडाउन के दौरान सहकारी समितियों के सामने किसानों के द्वारा लाए गए अनाज को तौलने के लिए हम्मालों की कमी सबसे बड़ी समस्या रही, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना भी किसी चुनौती से कम नहीं था, सहकारिता आयुक्त अखिलेश चौहान के द्वारा इस काम के लिए भी नवाचार करते हुए कुछ ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरी के लिए आई महिलाओं से भी तुलाई का काम करवाया गया,

जिले के कई खरीदी केंद्रों पर वेयरहाउस ना होने की वजह से खुले आसमान के नीचे खरीदी करना भी बड़ा कठिन काम था, मौसम के बदलते मिजाज से शासन के द्वारा की गई खरीदी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन समिति के सदस्य और पदाधिकारियों के द्वारा सहकारिता आयुक्त के निर्देशन में कुशल रणनीति बनाकर सभी तरह की बाधाओं को पार कर हरदा जिले में गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड बनाया है.

हरदा। सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान पिछले 70 दिनों से लगातार कोरोना वॉरियर की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने पूरे लॉकडाउन के दौरान फील्ड पर रहकर अपनी सेवाएं दीं. अखिलेश चौहान गेहूं खरीदी के दौरान हर केंद्र पर जाकर व्यवस्था बनाते रहे, उसी का परिणाम रहा की हरदा में 5 लाख मिट्रिक टन की रिकॉर्ड तोड़ गेहूं खरीदी पूरी हो पाई.

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सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान

अखिलेश चौहान ने बताया कि, वह मार्च माह में लॉकडाउन के बाद से अपने घर भोपाल नहीं जा पाए हैं. उन्होंने बताया कि, पत्नी प्रेग्नेंट है. जिसे उन्होंंने अपने माता-पिता के पास भेज दिया हैं. उन्हें गेहूं और चने की खरीदी के लिए रोजाना खरीदी केंद्रों पर जाना होता था, जिसके चलते संक्रमित होने का भय रहता था. इसी के चलते उन्होंने अपनी पत्नी को सुरक्षित रखने के लिए अपने से दूर रखा.

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फील्ड पर काम करते सहायक आयुक्त अखिलेश चौहान

पिछले साल हरदा में 105 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, लेकिन इस साल किसानों की सुविधा के लिए 155 खरीदी केंद्र बनाए गए. शासन के द्वारा जिले में गेहूं खरीदी के लिए 2 महीने का समय निर्धारित किया गया था. जिसके एवज में जिले की 52 सहकारी समितियों के द्वारा 15 अप्रैल से 20 मई तक केवल 40 दिनों के भीतर पंजीयन कराने वाले 48 हजार 854 किसानों में से 43 हजार 332 किसानों से खरीदी कर जिले का लक्ष्य पूरा किया गया. शासन के द्वारा गेहूं खरीदी से किसानों को 952 करोड़ 96 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

उधर समर्थन मूल्य पर जिले में 6 मई से खरीदी शुरू की गई, जिसके लिए 14 केंद्र बनाए गए हैं. चने की बिक्री के लिए जिले के 9 हजार 200 किसानों ने पंजीयन कराया था, सहकारिता आयुक्त के द्वारा सतत निगरानी करते हुए, अब तक 30 हजार मिट्रिक टन लक्ष्य के बदले में 7 हजार 251 किसानों से 2 लाख 33 क्विंटल चने की खरीदी कर, करीब 34 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है.

लॉकडाउन के दौरान सहकारी समितियों के सामने किसानों के द्वारा लाए गए अनाज को तौलने के लिए हम्मालों की कमी सबसे बड़ी समस्या रही, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना भी किसी चुनौती से कम नहीं था, सहकारिता आयुक्त अखिलेश चौहान के द्वारा इस काम के लिए भी नवाचार करते हुए कुछ ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरी के लिए आई महिलाओं से भी तुलाई का काम करवाया गया,

जिले के कई खरीदी केंद्रों पर वेयरहाउस ना होने की वजह से खुले आसमान के नीचे खरीदी करना भी बड़ा कठिन काम था, मौसम के बदलते मिजाज से शासन के द्वारा की गई खरीदी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन समिति के सदस्य और पदाधिकारियों के द्वारा सहकारिता आयुक्त के निर्देशन में कुशल रणनीति बनाकर सभी तरह की बाधाओं को पार कर हरदा जिले में गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड बनाया है.

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