हरदा। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल आम दिनों की भांति कुछ अलग ही अंदाज में नजर आए. मंत्री पटेल रविवार को नेता नहीं बल्कि एक सामान्य किसान के रूप में नजर आए. कृषि मंत्री कमल पटेल ने गंगा दशहरे के मौके पर अपने खेत मे ट्रैक्टर चलकर बोवनी की शुरुवात की. उन्होंने अपने गृह गांव बरंगा में खेत पर आगामी खरीफ सीजन की बोवनी की. उन्होंने कहा कि वे विधायक या मंत्री होने से पहले एक किसान है, जिसके चलते वे आम किसानों को आने वाली हर परेशानी को बखूबी जानते है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पहली बार मूंग की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है.
- कृषि मंत्री की राय, किसान सोयाबीन की जगह अन्य फसल बोए
कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश के किसानों से आगामी खरीफ सीजन में सोयाबीन के स्थान पर मल्टीपल क्रॉप जैसे उड़द, तुअर और मक्का की बोवनी करने की बात कही. सोयाबीन की फसल में पिछले पांच से छः सालों से लगातार बीमारी का प्रकोप आने से फसल खराब हो रही हैं. जिसके चलते अब किसानों को सोयाबीन के विकल्प के रूप में अन्य फसल की बोवनी करनी चाहिए, ताकि एक फसल पर किसी तरह का प्रकोप आने पर उसे होने वाले नुकसान की भरपाई दूसरी फसल से हो सके. उन्होंने अपने खेत में सोयाबीन की जगह उड़द, मक्का और अरहर के बीज की बोवनी की.
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- परंपरा को निभा रहा हूं- कमल पटेल
मंत्री कमल पटेल ने कहा कि उनके परिवार की परंपरा रही है कि परिवार के मुखिया ही हर साल परंपरागत तरीके से शुभ मुहूर्त में फसल की बुवाई करे, जिसके चलते रविवार को उन्होंने बोवनी की. उन्होंने कहां की मध्य प्रदेश की सरकार किसानों की सरकार है और किसानों के हर दुख दर्द में किसानों के साथ है.