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टिड्डी दल की ड्रोन कैमरे से निगरानी, पूरी रात पहरा देता रहा कृषि, वन, राजस्व अमला - Locust crew discovered by drone

हरदा जिले में टिड्डी दल की तलाश के लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई, जिसके बाद फायर ब्रिगेड में रासायनिक दवाएं भरकर टिड्डी दल पर छिड़काव कर भगाया गया, इसके लिए कृषि विभाग, वन विभाग और राजस्व अमला पूरी रात डटा रहा.

locust party
ड्रोन से टिड्डी दल की तलाशी
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Published : May 21, 2020, 6:31 PM IST

हरदा। राजस्थान से आया टिड्डी दल बीती रात हंडिया तहसील के जोगा गांव तक पहुंच गया था, जिसके बाद पड़ोसी जिले देवास की सीमा से नर्मदा नदी को पार करते हुए 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये दल जोगा के जंगलों में पहुंच गया था. उसके बाद से ही कृषि विभाग और किसानों की चिंता बढ़ गई थी.

किसान मूंग की फसल 77 हजार हेक्टेयर में लगाए हैं, टिड्डी दल फसलों को नुकसान न पहुंचाए, इसको लेकर कृषि विभाग, वन विभाग और राजस्व अमला पूरी रात जागकर टिड्डी दल को भगाने का प्रयास करता रहा. गुरुवार सुबह कृषि विभाग के अधिकारियों ने टिड्डी दल को खोजने के लिए ड्रोन कैमरे का सहारा लिया. हालांकि ड्रोन कैमरे में टिड्डी दल के नर्मदा नदी को पार न कर पाने और हरदा से वापस देवास जिले में जाने की जानकारी मिली है, जिससे किसानों और कृषि विभाग ने राहत की सांस ली है.

कृषि विभाग के दल ने गुरुवार सुबह हंडिया तहसील के जोगा, उवा, खरदना, काकड़दा, भैसबाड़ा के खेतों में टिड्डी दल के आने की संभावना को लेकर सर्च किया. जोगा के जंगल में टिड्डी दल के रात में होने की सूचना पर उसे समाप्त करने के लिए गुरुवार सुबह से ही तलाश शुरू कर दी गई थी. कृषि विभाग फायर ब्रिगेड में रासायनिक दवाओं का घोल लेकर जिन स्थानों पर टिड्डी दल के पहुंचने की सूचना मिलती थी, वहां पहुंचकर दल को आगे बढ़ने से रोकने की तैयारी की गई थी.

टिड्डी दल ने जोगा गांव के एक किसान की 10 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद वापस देवास जिले की ओर चला गया, कृषि विभाग के उप संचालक एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि टिड्डी दल की हरदा जिले में आने की सूचना के बाद उसे सर्च किया गया. गुरुवार सुबह 4:30 बजे जोगा के जंगल में पहुंचकर ड्रोन कैमरे से तलाशा गया, लेकिन कहीं भी टिड्डी दल का मूवमेंट नहीं दिखाई दिया.

हरदा। राजस्थान से आया टिड्डी दल बीती रात हंडिया तहसील के जोगा गांव तक पहुंच गया था, जिसके बाद पड़ोसी जिले देवास की सीमा से नर्मदा नदी को पार करते हुए 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये दल जोगा के जंगलों में पहुंच गया था. उसके बाद से ही कृषि विभाग और किसानों की चिंता बढ़ गई थी.

किसान मूंग की फसल 77 हजार हेक्टेयर में लगाए हैं, टिड्डी दल फसलों को नुकसान न पहुंचाए, इसको लेकर कृषि विभाग, वन विभाग और राजस्व अमला पूरी रात जागकर टिड्डी दल को भगाने का प्रयास करता रहा. गुरुवार सुबह कृषि विभाग के अधिकारियों ने टिड्डी दल को खोजने के लिए ड्रोन कैमरे का सहारा लिया. हालांकि ड्रोन कैमरे में टिड्डी दल के नर्मदा नदी को पार न कर पाने और हरदा से वापस देवास जिले में जाने की जानकारी मिली है, जिससे किसानों और कृषि विभाग ने राहत की सांस ली है.

कृषि विभाग के दल ने गुरुवार सुबह हंडिया तहसील के जोगा, उवा, खरदना, काकड़दा, भैसबाड़ा के खेतों में टिड्डी दल के आने की संभावना को लेकर सर्च किया. जोगा के जंगल में टिड्डी दल के रात में होने की सूचना पर उसे समाप्त करने के लिए गुरुवार सुबह से ही तलाश शुरू कर दी गई थी. कृषि विभाग फायर ब्रिगेड में रासायनिक दवाओं का घोल लेकर जिन स्थानों पर टिड्डी दल के पहुंचने की सूचना मिलती थी, वहां पहुंचकर दल को आगे बढ़ने से रोकने की तैयारी की गई थी.

टिड्डी दल ने जोगा गांव के एक किसान की 10 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाने के बाद वापस देवास जिले की ओर चला गया, कृषि विभाग के उप संचालक एमपीएस चंद्रावत ने बताया कि टिड्डी दल की हरदा जिले में आने की सूचना के बाद उसे सर्च किया गया. गुरुवार सुबह 4:30 बजे जोगा के जंगल में पहुंचकर ड्रोन कैमरे से तलाशा गया, लेकिन कहीं भी टिड्डी दल का मूवमेंट नहीं दिखाई दिया.

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