हरदा। जिले के सिराली थाना के ग्राम पिपल्या में नाबालिग लड़की के लापता होने के मामले में लपारवाही बरतने वाले 4 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. परिजनों की रिपोर्ट लिखने में लापरवाही करने वाले दो एएसआई और दो प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया गया है. एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के द्वारा सौंपी गई जांच के आधार पर लापरवाही बरतने के चलते सिराली थाने में पदस्थ एएसआई बृज मोहन सोलंकी, देवकरण उइके, हेड कांस्टेबल अजय तिवारी और शहीद खान को निलंबित कर दिया गया है, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. इस पूरे मामले में विभागीय जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराई जाएगी.
दरअसल ग्राम पिपल्या में रहने वाली एक 15 साल की लड़की 13 जुलाई को लापता हो गई थी. जिसके बाद उसके परिजन अपनी लापता बेटी की रिपोर्ट लिखाने चार से पांच बार थाने आए, लेकिन सिराली थाने में उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई. इस मामले में पुलिस के द्वारा राजनितिक दवाब आने पर 26 जुलाई को नाबालिग के परिजनों की रिपोर्ट दर्ज की गई. थाना स्टाफ के द्वारा उसकी उम्र को लेकर उनसे अंक सूची मंगाई गई, इस मामले को लेकर आदिवासियों ने सिराली थाने का घेराबंदी की थी. वहीं इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर 6 अगस्त को कलेक्ट्रेट का घेराव करने आए आदिवासी संगठन के लोगों को पुलिस ने शहर के बाहर ही रोक दिया था.
लापता नाबालिग का 29 जुलाई को खंडवा में रेलवे ट्रेक के किनारे कंकाल मिला था. जिसको लेकर परिजनों और आदिवासी संगठनों ने पुलिस की लापरवाही को लेकर आक्रोश जताया था. इस मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह वर्धमान ने जांच की थी. जिसमें थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि 23 से 25 जुलाई तक लापता नाबालिग के परिजन थाने पहुंचे थे. इस दौरान सिराली थाने में उनकी बात तो सुनी लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई, स्टाफ के द्वारा कभी थाना प्रभारी के नहीं होने तो कभी उनकी उम्र के प्रमाण पत्र लाने की बात को लेकर उन्हें टहलाता दिया गया.