ETV Bharat / state

World Cancer Day: कोरोना काल में कैंसर पीड़ितों के लिए वरदान बनी थी GRMC, करोड़ों की हुई थी इनकम - गजराराजा मेडिकल कॉलेज

World Cancer Day 2023: कोरोना काल में जब दिल्ली-मुम्बई में कोरोना के अस्पताल बंद थे, तब ग्वालियर के जीआरएमसी मरीजों के लिए वरदान बनी थी, कीमो और कोबाल्ट देकर गजराराजा मेडिकल कॉलेज की कैन्सर यूनिट ने करोड़ों रुपये कॉलेज को दिया था.

World Cancer Day 2023
विश्व कैंसर दिवस पर विशेष
author img

By

Published : Feb 3, 2023, 9:23 PM IST

अक्षय निगम,डीन, जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज

ग्वालियर। आज विश्व कैंसर दिवस है. कैंसर इस समय दुनिया की सबसे घातक और विनाशकारी बीमारी है. इसके मरीजों को लगातार इलाज ना मिले तो उनकी तकलीफें बढ़ जातीं है, उनकी जान पर ही बन आती है. कोरोना काल उनके लिए बाकी की तुलना में बहुत ही मुश्किलों भरा था. पूरे देश मे जब कर्फ्यू लगा था. ट्रेन, बस, बाजार से लेकर दफ्तर और अस्पताल तक बंद थे. इनमें सिर्फ और सिर्फ कोरोना मरीजों का ही इलाज हो रहा था. तब ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज की कैंसर यूनिट ने एक अनुकरणीय निर्णय लेते हुए अपने यहां कैंसर पेशेंट के इलाज की सेवा बहाल रखी. इस दौरान कीमो और कोबाल्ट थेरेपी जारी रख हजारों मरीजों की जान बचाई बल्कि मेडिकल कॉलेज को एक करोड़ रुपये कमाकर भी दिए.

जोखिम भरा फैसला: कोरोना की पहली और दूसरी लहर में चारों तरफ त्राहि त्राहि मची थी. असप्ताल सिर्फ कोरोना पेशेंट के लिए रिजर्व थे. स्कूल, कॉलेज से लेकर अन्य संस्थानों को भी कोविड सेंटर के रूप में तब्दील कर दिया गया था. यहां तक कि, टाटा मेमोरियल जैसे केंसर के सबसे बड़े अस्पताल में भी ताले पड़े थे. प्राइवेट कैंसर अस्पतालों में भी सबसे बड़ी दिक्कत उनको आ रही थी. जिनको कोबाल्ट या कीमों की नियमित जरूरत थी. इसके अभाव में उनकी जान जा सकती थी और तकलीफ भी बढ़ सकती थी, लेकिन इसके रास्ते बंद थे. ऐसे में ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने बड़ी मानवीय पहल कर अपने यहां कीमो और कोबाल्ट यूनिट करने जैसा जोखिम भरा फैसला लिया.

World Cancer Day 2022: क्यों मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस ? जानिए इस साल की थीम

करोड़ों से ज्यादा कमाई: जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन और कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अक्षय निगम बताते हैं कि, जब मुम्बई से लेकर दिल्ली तक मे कैंसर मरीजों का इलाज बंद था तब ग्वालियर मेडिकल कॉलेज इकलौता था, जो कीमो थेरेपी लगा रहा था. मुंबई से लेकर दिल्ली तक के रिकॉर्ड मरीजों को हमने उपचार दिया. इस दौरान आयुष्मान से हमने एक करोड़ रुपये से ज्यादा इन्कम करके हमने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज को दी. डॉ निगम का कहना है कि कैंसर को लेकर इस अंचल में एक बड़ा पॉजिटिव रुझान ये आया है कि, लोगों में जागरूकता बढ़ी है. बड़ी संख्या में लोगों ने बीड़ी, गुटका, तम्बाकू छोड़ दी है. फीमेल में भी साफ सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ी है. डॉ. निगम का कहना है कि, अब जो ताजे मामले देखने को मिल रहे हैं उनकी वजह पेस्टीसाइड और पॉल्यूशन प्रकाश में आ रही है. इसको लेकर जागरूकता बहुत जरूरी है.

अक्षय निगम,डीन, जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज

ग्वालियर। आज विश्व कैंसर दिवस है. कैंसर इस समय दुनिया की सबसे घातक और विनाशकारी बीमारी है. इसके मरीजों को लगातार इलाज ना मिले तो उनकी तकलीफें बढ़ जातीं है, उनकी जान पर ही बन आती है. कोरोना काल उनके लिए बाकी की तुलना में बहुत ही मुश्किलों भरा था. पूरे देश मे जब कर्फ्यू लगा था. ट्रेन, बस, बाजार से लेकर दफ्तर और अस्पताल तक बंद थे. इनमें सिर्फ और सिर्फ कोरोना मरीजों का ही इलाज हो रहा था. तब ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज की कैंसर यूनिट ने एक अनुकरणीय निर्णय लेते हुए अपने यहां कैंसर पेशेंट के इलाज की सेवा बहाल रखी. इस दौरान कीमो और कोबाल्ट थेरेपी जारी रख हजारों मरीजों की जान बचाई बल्कि मेडिकल कॉलेज को एक करोड़ रुपये कमाकर भी दिए.

जोखिम भरा फैसला: कोरोना की पहली और दूसरी लहर में चारों तरफ त्राहि त्राहि मची थी. असप्ताल सिर्फ कोरोना पेशेंट के लिए रिजर्व थे. स्कूल, कॉलेज से लेकर अन्य संस्थानों को भी कोविड सेंटर के रूप में तब्दील कर दिया गया था. यहां तक कि, टाटा मेमोरियल जैसे केंसर के सबसे बड़े अस्पताल में भी ताले पड़े थे. प्राइवेट कैंसर अस्पतालों में भी सबसे बड़ी दिक्कत उनको आ रही थी. जिनको कोबाल्ट या कीमों की नियमित जरूरत थी. इसके अभाव में उनकी जान जा सकती थी और तकलीफ भी बढ़ सकती थी, लेकिन इसके रास्ते बंद थे. ऐसे में ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने बड़ी मानवीय पहल कर अपने यहां कीमो और कोबाल्ट यूनिट करने जैसा जोखिम भरा फैसला लिया.

World Cancer Day 2022: क्यों मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस ? जानिए इस साल की थीम

करोड़ों से ज्यादा कमाई: जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन और कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अक्षय निगम बताते हैं कि, जब मुम्बई से लेकर दिल्ली तक मे कैंसर मरीजों का इलाज बंद था तब ग्वालियर मेडिकल कॉलेज इकलौता था, जो कीमो थेरेपी लगा रहा था. मुंबई से लेकर दिल्ली तक के रिकॉर्ड मरीजों को हमने उपचार दिया. इस दौरान आयुष्मान से हमने एक करोड़ रुपये से ज्यादा इन्कम करके हमने ग्वालियर मेडिकल कॉलेज को दी. डॉ निगम का कहना है कि कैंसर को लेकर इस अंचल में एक बड़ा पॉजिटिव रुझान ये आया है कि, लोगों में जागरूकता बढ़ी है. बड़ी संख्या में लोगों ने बीड़ी, गुटका, तम्बाकू छोड़ दी है. फीमेल में भी साफ सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ी है. डॉ. निगम का कहना है कि, अब जो ताजे मामले देखने को मिल रहे हैं उनकी वजह पेस्टीसाइड और पॉल्यूशन प्रकाश में आ रही है. इसको लेकर जागरूकता बहुत जरूरी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.