ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों तक लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में देश के कई बड़े शहर जहां लोग दो वक्त की रोटी कमाने पहुंचे थे, उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. अब इन लोगों ने अपने गांवों की ओर रुख कर लिया है. खास बात ये है कि ये मजदूर वर्ग के लोग किसी साधन से नहीं बल्कि पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े हैं.
ये मजदूर दिल्ली के नोएडा से पैदल ही उत्तर प्रदेश के मऊरानीपुर, झांसी जैसे शहरों के लिए निकल पड़े हैं. मजदूरों का ग्वालियर पहुंचने पर जब इसकी सूचना स्थानीय जिला प्रशासन को लगी, तो उन्होंने उनके लिए खाने के पैकेट और दवाइयों का इंतजाम भी किया. मजदूरों का इन बड़े महानगरों में बच्चों का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा था, ऐसे में स्थानीय प्रशासन की बेरुखी उन्हें अपने शहरों और गांवों के लिए लौटने पर मजबूर है.
अच्छी बात ये रही कि ग्वालियर जिला प्रशासन ने अपनी ओर से सार्थक पहल करते हुए ग्वालियर पहुंचने पर इन सभी मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते हुए उनके लिए वाहन व्यवस्था की. इसके बाद उनके घरों के लिए रवाना किया गया. सवाल उठता है कि दिल्ली-गुरुग्राम से लेकर ग्वालियर पहुंचने तक इस बीच तमाम बड़े शहर आए, लेकिन किसी भी स्थानीय प्रशासन की ओर से इन गरीब मजदूरों के लिए कोई पहल नहीं की गई. जिसके चलते भूखे प्यासे इन लोगों को ग्वालियर तक पहुंचना पड़ा. बहरहाल ग्वालियर प्रशासन की इस पहल से इन मजदूरों के चेहरे पर खुशी लौट सकी.