ग्वालियर। इतिहास गवाह है कि सिंधिया परिवार राजनीति में मास्टर स्ट्रोक के लिए हमेशा से ही जाना जाता रहा है. अभी हाल में ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ बीजेपी की शपथ ली है, लेकिन इस बड़े राजनीति दांव में वो अकेले नहीं हैं उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है. प्रियदर्शनी राजे पिछले कई महीनों से रणनीति तैयार कर सिंधिया को बीजेपी में लाने के लिए पटकथा रच रही थी.
लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना सीट से चुनाव लड़े थे, जिसमें चुनाव प्रचार की पूरी जिम्मेदारी सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे ने उठाई थी. उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे. इसलिए प्रियदर्शनी राजे गुना लोकसभा के हर क्षेत्र में जाकर जनता के बीच पहुंची, चुनाव प्रचार में काफी मेहनत करने के बावजूद भी सिंधिया को करारी हार मिली. सिंधिया की हार से प्रियदर्शनी हताश हो गई. क्योंकि सिंधिया को हराने वाले उनके ही एक छोटे कार्यकर्ता जो थे.
इस पूरे घटनाक्रम में सिंधिया की पत्नी का अहम रोल
सरकार बनने के बाद सिंधिया उपेक्षा का शिकार हो रहे थे, उनको सरकार में दरकिनार किया जा रहा था. जिसके बाद सिंधिया परिवार में बड़े बदलाव की पटकथा रची गई. जानकार बताते हैं कि सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे गुजरात के वड़ोदरा गायकवाड़ राज परिवार से आती हैं और गायकवाड़ परिवार बीजेपी के नजदीक तो है ही, साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बेहद करीबी है.
सिंधिया की बीजेपी में शामिल होने की लिखी गई पटकथा
सिंधिया का ससुराल पहले से ही चाहता था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में आ जाए, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार की उपेक्षा के शिकार के बाद ये रास्ता और सरल हो गया. माना जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे ने अपनी मां से बात की और उसके बाद सिंधिया को बीजेपी में लाने की पटकथा शुरू हुई.
वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली बताते हैं कि इससे पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मुलाकात कर ली थी और ये मुलाकात उनके ससुराल गायकवाड़ परिवार ने कराई थी. उसके बाद ये पूरी रणनीति तैयार की गई है.