ग्वालियर। मां की मौत हो गई, लेकिन बेटे ने हिंदू रीति-रिवाज से मां का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. ईसाई धर्म अपना चुका बेटा धीरेंद्र से डेविड बन चुका था. मां का शव रखे हुए 2 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका था. रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने धीरेंद्र उर्फ डेविड को बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माना. इस बात की जानकारी जब मृतका की नातिन को लगी तो वह अपनी नानी को मुखाग्नि देने 1100 किलोमीटर दूर झारखंड से ग्वालियर चली आई. जिसके बाद हिंदू रीति-रिवाज के मृत महिला का अंतिम संस्कार किया गया.
मौत होने के दो दिन बाद नातिन ने दी मुखाग्नि
बेटा करता था मां से बुरा बर्ताव
हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी हुए शामिल
मामला सामने आने के बाद हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी इस मामले में सक्रिय हो गए. वे सरोज देवी के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे. उन्होंने पुलिस अधीक्षक से यह भी मांग की है कि इस बात की भी जांच की जाए कि कहीं बेटे धीरेंद्र और डेविड के पीटने से ही तो सरोज देवी की मौत नहीं हुई. इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि धीरेंद्र अपनी पत्नी पर भी जबरन धर्मांतरण का दबाव तो नहीं बना रहा है. हालांकि श्वेता अपनी नानी का अंतिम संस्कार बोकारो लौट चुकी हैं.
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पत्नी ने किया धर्मपरिवर्तन का दबाव होने से इनकार
इस मामले में सामने आए परिजनों पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बनाने के एंगल पर जांच करते हुए धीरेंद्र उर्फ डेविड की पत्नी से भी पूछताछ की है. धीरेंद्र की पत्नी ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है और पुलिस प्रशासन को दिए गए आवेदन में पति के साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की है. महिला का यह भी कहना है कि वह अपने पति की तरफ से किसी भी दबाव में नहीं है. आपको बता दें कि धीरेंद्र की भांजी श्वेता सुमन ने पुलिस में दिए गए आवेदन में यह भी आरोप लगाया था कि धीरेंद्र ने अपनी मां यानी सरोज देवी पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाता था.