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धीरेंद्र से डेविड बने बेटे ने मां के अंतिम संस्कार से किया इनकार, 11 सौ किलोमीटर दूर से आई नातिन ने दी मुखाग्नि - ग्वालियर पुलिस प्रशासन

ग्वालियर में ईसाई धर्म अपना चुके बेटे ने मां के हिंदू धर्म से अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद झारखंड से आयी नातिन ने हिंदू रीति रिवाज से क्रियाकर्म किया. वहीं भांजी ने आरोप लगाया कि धीरेंद्र अपनी पत्नी पर भी ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाये हुए है. इस संदर्भ में पुलिस ने पत्नी से पूछताछ की है.

funeral
अंतिम संस्कार
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Published : Jun 10, 2021, 4:40 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 9:55 PM IST

ग्वालियर। मां की मौत हो गई, लेकिन बेटे ने हिंदू रीति-रिवाज से मां का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. ईसाई धर्म अपना चुका बेटा धीरेंद्र से डेविड बन चुका था. मां का शव रखे हुए 2 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका था. रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने धीरेंद्र उर्फ डेविड को बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माना. इस बात की जानकारी जब मृतका की नातिन को लगी तो वह अपनी नानी को मुखाग्नि देने 1100 किलोमीटर दूर झारखंड से ग्वालियर चली आई. जिसके बाद हिंदू रीति-रिवाज के मृत महिला का अंतिम संस्कार किया गया.

मौत होने के दो दिन बाद नातिन ने दी मुखाग्नि

grand daughter crying on death
नानी की मौत पर विलाप करती नातिन
ग्वालियर के पॉश इलाके सिटी सेंटर में रहने वाली सरोज देवी की कोरोना से मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद भी उनके शव का दो दिन तक सिर्फ इसलिए अंतिम संस्कार नहीं हो सका क्योंकि ईसाई धर्म अपना चुका मृतका का बेटा ईसाई मान्यता के अनुसार ही मां का अंतिम संस्कार करना चाहता था. जबकि नानी के निधन की सूचना मिलने के बाद उनकी नातिन श्वेता अपनी नानी के हिंदू होने के नाते उनका हिंदू धर्म के मुताबिक ही अंतिम संस्कार करना चाहती थी. श्वेता का कहना था कि मेरी नानी हिंदू उन्होंने धर्म नहीं बदला था, इसलिए उनका अंतिम संस्कार हिंदू मान्यता के मुताबिक ही किया जाए. रिश्तेदार और पड़ोसी भी मृतका के बेटे को यही समझा रहे थे लेकिन डेविड बना धीरेंद्र अपनी जिद पर अड़ा था. जिसके बाद झारखंड के बोकारो में रहने वाली मृतका की नातिन 1100 किलोमीटर का सफर तय कर ग्वालियर पहुंची. इसके बाद सरोज देवी को मुखाग्नि देकर नातिन ने अपनी नानी का अंतिम संस्कार किया.

बेटा करता था मां से बुरा बर्ताव

नातिन ने किया अंतिम संस्कार.
सरोज देवी की नातिन श्वेता बोकारो झारखंड में रहती हैं. उन्होंने ग्वालियर पहुंचकर अपनी नानी का लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार करने के बाद जिला और पुलिस प्रशासन को एक आवेदन भी सौंपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि धीरेंद्र अपनी मां सरोज देवी के साथ मारपीट और बुरा बर्ताव करता था. श्वेता ने पुलिस को दिए आवेदन में यह भी लिखा कि उसकी नानी सरोज देवी ने ही उसे दो जून को झारखंड फोन करके मारपीट करने की घटना की जानकारी दी थी.
funeral by daughter
नातिन ने दी मुखाग्नि.

हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी हुए शामिल
मामला सामने आने के बाद हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी इस मामले में सक्रिय हो गए. वे सरोज देवी के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे. उन्होंने पुलिस अधीक्षक से यह भी मांग की है कि इस बात की भी जांच की जाए कि कहीं बेटे धीरेंद्र और डेविड के पीटने से ही तो सरोज देवी की मौत नहीं हुई. इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि धीरेंद्र अपनी पत्नी पर भी जबरन धर्मांतरण का दबाव तो नहीं बना रहा है. हालांकि श्वेता अपनी नानी का अंतिम संस्कार बोकारो लौट चुकी हैं.

funeral by daughter
नातिन ने मामा पर लगाया धर्म परिवर्तन का आरोप.

corona warrior पर 'धर्म' की चोट: 'धर्म परिवर्तन' कराने का आरोप, जांच शुरु

पत्नी ने किया धर्मपरिवर्तन का दबाव होने से इनकार

funeral by daughter
झारखंड से आकर हिंदू रीति रिवाज से किया नानी का अंतिम संस्कार.

इस मामले में सामने आए परिजनों पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बनाने के एंगल पर जांच करते हुए धीरेंद्र उर्फ डेविड की पत्नी से भी पूछताछ की है. धीरेंद्र की पत्नी ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है और पुलिस प्रशासन को दिए गए आवेदन में पति के साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की है. महिला का यह भी कहना है कि वह अपने पति की तरफ से किसी भी दबाव में नहीं है. आपको बता दें कि धीरेंद्र की भांजी श्वेता सुमन ने पुलिस में दिए गए आवेदन में यह भी आरोप लगाया था कि धीरेंद्र ने अपनी मां यानी सरोज देवी पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाता था.

ग्वालियर। मां की मौत हो गई, लेकिन बेटे ने हिंदू रीति-रिवाज से मां का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. ईसाई धर्म अपना चुका बेटा धीरेंद्र से डेविड बन चुका था. मां का शव रखे हुए 2 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका था. रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने धीरेंद्र उर्फ डेविड को बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माना. इस बात की जानकारी जब मृतका की नातिन को लगी तो वह अपनी नानी को मुखाग्नि देने 1100 किलोमीटर दूर झारखंड से ग्वालियर चली आई. जिसके बाद हिंदू रीति-रिवाज के मृत महिला का अंतिम संस्कार किया गया.

मौत होने के दो दिन बाद नातिन ने दी मुखाग्नि

grand daughter crying on death
नानी की मौत पर विलाप करती नातिन
ग्वालियर के पॉश इलाके सिटी सेंटर में रहने वाली सरोज देवी की कोरोना से मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद भी उनके शव का दो दिन तक सिर्फ इसलिए अंतिम संस्कार नहीं हो सका क्योंकि ईसाई धर्म अपना चुका मृतका का बेटा ईसाई मान्यता के अनुसार ही मां का अंतिम संस्कार करना चाहता था. जबकि नानी के निधन की सूचना मिलने के बाद उनकी नातिन श्वेता अपनी नानी के हिंदू होने के नाते उनका हिंदू धर्म के मुताबिक ही अंतिम संस्कार करना चाहती थी. श्वेता का कहना था कि मेरी नानी हिंदू उन्होंने धर्म नहीं बदला था, इसलिए उनका अंतिम संस्कार हिंदू मान्यता के मुताबिक ही किया जाए. रिश्तेदार और पड़ोसी भी मृतका के बेटे को यही समझा रहे थे लेकिन डेविड बना धीरेंद्र अपनी जिद पर अड़ा था. जिसके बाद झारखंड के बोकारो में रहने वाली मृतका की नातिन 1100 किलोमीटर का सफर तय कर ग्वालियर पहुंची. इसके बाद सरोज देवी को मुखाग्नि देकर नातिन ने अपनी नानी का अंतिम संस्कार किया.

बेटा करता था मां से बुरा बर्ताव

नातिन ने किया अंतिम संस्कार.
सरोज देवी की नातिन श्वेता बोकारो झारखंड में रहती हैं. उन्होंने ग्वालियर पहुंचकर अपनी नानी का लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार करने के बाद जिला और पुलिस प्रशासन को एक आवेदन भी सौंपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि धीरेंद्र अपनी मां सरोज देवी के साथ मारपीट और बुरा बर्ताव करता था. श्वेता ने पुलिस को दिए आवेदन में यह भी लिखा कि उसकी नानी सरोज देवी ने ही उसे दो जून को झारखंड फोन करके मारपीट करने की घटना की जानकारी दी थी.
funeral by daughter
नातिन ने दी मुखाग्नि.

हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी हुए शामिल
मामला सामने आने के बाद हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी इस मामले में सक्रिय हो गए. वे सरोज देवी के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे. उन्होंने पुलिस अधीक्षक से यह भी मांग की है कि इस बात की भी जांच की जाए कि कहीं बेटे धीरेंद्र और डेविड के पीटने से ही तो सरोज देवी की मौत नहीं हुई. इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि धीरेंद्र अपनी पत्नी पर भी जबरन धर्मांतरण का दबाव तो नहीं बना रहा है. हालांकि श्वेता अपनी नानी का अंतिम संस्कार बोकारो लौट चुकी हैं.

funeral by daughter
नातिन ने मामा पर लगाया धर्म परिवर्तन का आरोप.

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पत्नी ने किया धर्मपरिवर्तन का दबाव होने से इनकार

funeral by daughter
झारखंड से आकर हिंदू रीति रिवाज से किया नानी का अंतिम संस्कार.

इस मामले में सामने आए परिजनों पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बनाने के एंगल पर जांच करते हुए धीरेंद्र उर्फ डेविड की पत्नी से भी पूछताछ की है. धीरेंद्र की पत्नी ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है और पुलिस प्रशासन को दिए गए आवेदन में पति के साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की है. महिला का यह भी कहना है कि वह अपने पति की तरफ से किसी भी दबाव में नहीं है. आपको बता दें कि धीरेंद्र की भांजी श्वेता सुमन ने पुलिस में दिए गए आवेदन में यह भी आरोप लगाया था कि धीरेंद्र ने अपनी मां यानी सरोज देवी पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाता था.

Last Updated : Jun 11, 2021, 9:55 PM IST
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