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दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए वेबिनार का आयोजन, 10 राज्यों के प्रतिभागी हुए शामिल - gwalior news

कोरोना काल में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया. छात्रों को मुख्य धारा से जोड़ने और उनका शैक्षणिक स्तर भी बराबर रहे, इसके लिए इस वेबिनार का आयोजन किया गया था.

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दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए वेबिनार का हुआ आयोजन
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Published : Sep 3, 2020, 9:04 AM IST

ग्वालियर। जिले में कोरोना अवधि में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा कैसे अच्छी रह सके, इसको लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर उमा तुली और अंतरराष्ट्रीय तैराक सत्येंद्र लोहिया मौजूद थे. इसके अलावा देश के 10 राज्यों के प्रतिभागियों ने इस वेबिनार में शिरकत की.

संजीव निगोतीया, समाजसेवी

महिला समाज सेवी उमा तुली ने कहा कि शासन दिव्यांग लोगों के उत्थान के लिए कई नीतियां बनाता है, आरपीडब्ल्यूडी एक्ट और नई शिक्षा नीति में इसका उल्लेख भी है, लेकिन नीतियों के सही क्रियान्वयन नहीं होने के कारण दिव्यांगों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता है और वो देश के विकास में अपना योगदान नहीं कर पाते हैं. इसलिए आवश्यकता है दृष्टिकोण में बदलाव की.

ओ.पी. दीक्षित, पूर्व डाइट प्राचार्य

5 महीने से दिव्यांग छात्र शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित हो गए हैं. कुछ महीनों से अनिश्चितता की स्थिति है. छात्रों को मुख्य धारा से जुड़ने और उनका शैक्षणिक स्तर भी बराबर रहे, इसके लिए इस वेबिनार का आयोजन किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक सत्येंद्र लोहिया ने कहा कि सरकार को ग्रामीण अंचल में छुपी हुई, प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें एक मंच देना चाहिए. उन्होंने बताया कि वो मुरार तहसील से 15 किलोमीटर गांव में रहते हैं. उन्होंने बैसली नदी में तैराकी की थी, लेकिन उन्हें फिजिकल कॉलेज के शिक्षक डबास के सहयोग से इंग्लिश चैनल और कैटरीना चैनल पार करने में सफलता मिली.

ग्वालियर। जिले में कोरोना अवधि में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा कैसे अच्छी रह सके, इसको लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर उमा तुली और अंतरराष्ट्रीय तैराक सत्येंद्र लोहिया मौजूद थे. इसके अलावा देश के 10 राज्यों के प्रतिभागियों ने इस वेबिनार में शिरकत की.

संजीव निगोतीया, समाजसेवी

महिला समाज सेवी उमा तुली ने कहा कि शासन दिव्यांग लोगों के उत्थान के लिए कई नीतियां बनाता है, आरपीडब्ल्यूडी एक्ट और नई शिक्षा नीति में इसका उल्लेख भी है, लेकिन नीतियों के सही क्रियान्वयन नहीं होने के कारण दिव्यांगों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता है और वो देश के विकास में अपना योगदान नहीं कर पाते हैं. इसलिए आवश्यकता है दृष्टिकोण में बदलाव की.

ओ.पी. दीक्षित, पूर्व डाइट प्राचार्य

5 महीने से दिव्यांग छात्र शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित हो गए हैं. कुछ महीनों से अनिश्चितता की स्थिति है. छात्रों को मुख्य धारा से जुड़ने और उनका शैक्षणिक स्तर भी बराबर रहे, इसके लिए इस वेबिनार का आयोजन किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक सत्येंद्र लोहिया ने कहा कि सरकार को ग्रामीण अंचल में छुपी हुई, प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें एक मंच देना चाहिए. उन्होंने बताया कि वो मुरार तहसील से 15 किलोमीटर गांव में रहते हैं. उन्होंने बैसली नदी में तैराकी की थी, लेकिन उन्हें फिजिकल कॉलेज के शिक्षक डबास के सहयोग से इंग्लिश चैनल और कैटरीना चैनल पार करने में सफलता मिली.

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