ग्वालियर। शहर में पानी सप्लाई का मुख्य स्रोत माने जाने वाले तिघरा बांध के सुधार और पुनर्वास के लिए जल संसाधन विभाग ने लगभग 11 करोड़ का प्रस्ताव भोपाल भेजा है. टेमोग्राफी परीक्षण कर लीकेज की जांच का प्रावधान किया गया है. लीकेज भरने के लिए ग्रीटिंग कराई जाएगी और सीपेज ड्रेन जांच मरम्मत भी की जाएगी. ड्रिप के विशेषज्ञ इंजीनियरों की निरीक्षण रिपोर्ट में बांध की प्रमुख डेमोग्राफी कराने की अनुशंसा की गई है.
सितंबर 2018 को सेवानिवृत्त विशेषज्ञों की टीम का निरीक्षण कराया गया था. इनकी रिपोर्ट के आधार पर यह बात निकलकर सामने आई थी कि तिघरा बांध में लीकेज के कारण 1 साल में शहर में सप्लाई होने वाला करीब 22 दिन का पानी यानी 250 एमसीएफटी पानी बेकार में चला जाता है. वहीं महापौर विवेक नारायण शेजवालकर का कहना है कि लीकेज को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं.
इस बांध में 2003 में लीकेज को खत्म करने की कार्रवाई की गई थी. ग्वालियर में इन दोनों पानी की भारी किल्लत है और कई इलाकों में एक दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है. जिससे स्थानीय लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर तक का सफर करना पड़ रहा है. वहीं कुछ जगह पर टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है.