ग्वालियर। अगर आप मध्यप्रदेश में हो और प्रदेश की किसी भी कोने में आप अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं, तो आप बेझिझक होकर 100 डायल कर पुलिस को बुला सकते हैं. फोन लगाने के थोड़ी देर बाद ही डायल 100 आपके पास मदद के लिए पहुंच जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि सबकी मदद करने वाली यह डायल 100 खुद ही पूरी तरह असुरक्षित है. ईटीवी भारत की पड़ताल में कई ऐसे खुलासे सामने आए हैं, जिससे साबित होता है कि मध्यप्रदेश की वह पुलिस जो आम वाहनचालकों से कागज की कमी होने पर चालान ठोक देती है. लेकिन मध्यप्रदेश में सुरक्षा का पाठ पढ़ाने वाली डायल 100 के पास न तो बीमा के कागजात हैं और ना ही उन्हें यह पता के इन गाड़ियों का बीमा कब से नहीं हुआ.
- अधिकारियों के पास होगी जानकारी
ईटीवी भारत की पड़ताल में जब हम डायल 100 गाड़ी के पास पहुंचे और उनसे गाड़ी की के बीमा की जानकारी मांगी तो उन्होंने साफ तौर पर जानकारी देने से इंकार कर दिया. डायल 100 के चालक और साथ में रहने वाले पुलिसकर्मियों ने कहा कि बीमे की जानकारी हमारी अधिकारियों को होगी. इसका बीमा है या नहीं ये हमें नहीं पता. हम तो बस गाड़ी चलाते है. कोई फोन करता है तो जल्द से जल्द उसके पास पहुंचने की हमारी कोशिश रहती है.
- ग्वालियर जोन में मौजूद है 274 डायल 100 गाड़ियां
ग्वालियर जोन में ग्वालियर संभाग, चंबल संभाग और सागर संभाग आते है. इन तीनों संभागों को मिलाकर इनमें डायल 100 की गाड़ियों की संख्या 274 है. ग्वालियर में 45 से अधिक डायल 100 की गाड़ियां मौजूद है. जो शहर के अलग-अलग चेक पॉइंट पर लगी हुई होती है. इन गाड़ियों का जो बीमा होता है उसकी अंतिम तारीख 2020 थी. लेकिन उसके बाद गाड़ियों का बीमा है या नहीं यह बात के रहस्य बन चुकी है. यहां के अधिकारियों इस रहस्य के बारे में नहीं पता है. उनका कहना है कि इन गाड़ियों की बीमा जानकारी भोपाल में हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को रहती है.
अजब MP की गजब डायल 100, बिना बीमा सड़कों पर सरपट दौड़ रही
- एक दुसरे पर ढ़ोल रहे जिम्मेदार
ईटीवी भारत की पड़ताल में जब हमने डायल 100 पर रहने वाले स्टाफ से गाड़ी की इंश्योरेंस की कॉपी मांगी तो उन्होंने देने से मना कर दिया. उसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या गाड़ी का बीमा है या नहीं? तो उन्होंने कहा कि इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है. बीमा की जानकारी हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को पता होगी और ना ही हमारे पास बीमा की कोई कॉपी मौजूद है.
- न इंश्योरेंस की कॉपी और न गाड़ी का रजिस्ट्रेशन
ग्वालियर शहर में जितने भी डायल 100 खड़ी रहती है उनके स्टाफ के पास न तो बीमा की कॉपी और ना ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रहता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश की पुलिस आम वाहनचालक पर गाड़ी का एक भी कागज ना होने पर चालान काट देती हैं, लेकिन इन डायल 100 पर कार्रवाई क्यों नहीं होती. क्या यह आम जनता के साथ भेदभाव नहीं है?
- नए मोटर व्हीकल एक्ट के नियम
नए मोटर व्हीकल एक्ट के नियम के अनुसार हर गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी है. अगर थर्ड पार्टी का इंश्योरेंस नहीं होता है तो वाहन मालिक को जुर्माने के साथ-साथ जेल का भी प्रावधान है. नए मोटर व्हीकल एक्ट में बताया गया है कि बिना इंश्योरेंस की गाड़ी चलाने पर दोना जुर्माना वसूला जाता है. लेकिन डायल 100 गाड़ी को न ही
कोई रोकता है और ना ही इनसे कोई पुछताछ करता है.