ग्वालियर। फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले आरक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही पुलिस ने अपने कर्मचारी पर धोखाधड़ी करने का मामला भी दर्ज किया है. दरअसल 2014 में आरक्षक राकेश मांझी की पत्नी ने जनसुनवाई में अपने पति के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिसपर एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच सौंपी थी.
बेहट थाने में पदस्थ आरक्षक राकेश मांझी की पत्नी का आरोप था कि उसका पति 10 लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग करता है. मांगें पूरी नहीं होने पर पत्नी के साथ मारपीट करता है. इस मामले में एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. मामले की जांच में पता चला कि सिपाही ने मांझी समाज अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल की है. साथ ही जांच में पाया गया कि राकेश मांझी ने नौकरी लेने के लिए जो दस्तावेज विभाग में दिए, वह मानक नहीं हैं.
मामला सामने आने के बाद सिपाही के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. आरक्षक की पत्नी ने अपनी शिकायत में राकेश मांझी के बड़े भाई नवल किशोर जो फिलहाल गुना में पदस्थ है, उसके खिलाफ भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने की शिकायत दर्ज कराई है. इसके संबंध में फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.