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फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने वाला आरक्षक बर्खास्त, पत्नी ने की थी शिकायत - पत्नी ने शिकायत की

बेहट थाने में पदस्थ आरक्षक राकेश मांझी को फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी लेने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

आरक्षक बर्खास्त
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Published : May 31, 2019, 9:21 AM IST

ग्वालियर। फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले आरक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही पुलिस ने अपने कर्मचारी पर धोखाधड़ी करने का मामला भी दर्ज किया है. दरअसल 2014 में आरक्षक राकेश मांझी की पत्नी ने जनसुनवाई में अपने पति के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिसपर एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच सौंपी थी.

नवनीत भसीन, एसपी


बेहट थाने में पदस्थ आरक्षक राकेश मांझी की पत्नी का आरोप था कि उसका पति 10 लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग करता है. मांगें पूरी नहीं होने पर पत्नी के साथ मारपीट करता है. इस मामले में एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. मामले की जांच में पता चला कि सिपाही ने मांझी समाज अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल की है. साथ ही जांच में पाया गया कि राकेश मांझी ने नौकरी लेने के लिए जो दस्तावेज विभाग में दिए, वह मानक नहीं हैं.


मामला सामने आने के बाद सिपाही के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. आरक्षक की पत्नी ने अपनी शिकायत में राकेश मांझी के बड़े भाई नवल किशोर जो फिलहाल गुना में पदस्थ है, उसके खिलाफ भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने की शिकायत दर्ज कराई है. इसके संबंध में फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.

ग्वालियर। फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले आरक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही पुलिस ने अपने कर्मचारी पर धोखाधड़ी करने का मामला भी दर्ज किया है. दरअसल 2014 में आरक्षक राकेश मांझी की पत्नी ने जनसुनवाई में अपने पति के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिसपर एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच सौंपी थी.

नवनीत भसीन, एसपी


बेहट थाने में पदस्थ आरक्षक राकेश मांझी की पत्नी का आरोप था कि उसका पति 10 लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग करता है. मांगें पूरी नहीं होने पर पत्नी के साथ मारपीट करता है. इस मामले में एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. मामले की जांच में पता चला कि सिपाही ने मांझी समाज अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल की है. साथ ही जांच में पाया गया कि राकेश मांझी ने नौकरी लेने के लिए जो दस्तावेज विभाग में दिए, वह मानक नहीं हैं.


मामला सामने आने के बाद सिपाही के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. आरक्षक की पत्नी ने अपनी शिकायत में राकेश मांझी के बड़े भाई नवल किशोर जो फिलहाल गुना में पदस्थ है, उसके खिलाफ भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने की शिकायत दर्ज कराई है. इसके संबंध में फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.

Intro:एंकर-ग्वालियर के बेहट थाना में पदस्थ एक सिपाही का जाती प्रमाण पत्र फर्जी निकलने पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। सिपाही ने पत्नी से 10 लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग की थी। इसके बाद पत्नी ने उसके प्रमाण पत्र को जाली बताकर शिकायत की थी। घटना वर्ष 2014 से अभी तक की है। विश्वविद्यालय थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।


Body:वीओ-1 नरवर (शिवपुरी) निवासी रजनी बाथम पत्नी राकेश मांझी ने कुछ दिन पहले एसपी ग्वालियर को शिकायत की थी कि उसका पति जो की बेहट थाना में पदस्थ है। उसने मांझी समाज अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल की है। इस पर एसपी ने एसडीओपी बेहट को मामले की जांच सौंपी थी। जांच में पाया गया कि राकेश मांझी के द्वारा लगाए गए दस्तावेज मानक पर खरे नहीं है। जिसके बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के लिए विश्वविद्यालय थाना पुलिस को लिखा गया। इसी जांच आवेदन पर पुलिस ने आरक्षक राकेश मांझी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। रजनी ने अपनी शिकायत में राकेश मांझी के बड़े भाई नवल किशोर जो कि अभी गुना पुलिस में पदस्थ है, के आदिवासी प्रमाण पत्र को भी फर्जी बताया है। इसके संबंध में भी जांच की जा रही है।

Conclusion:वीओ-2 आपको बता दे कि आरक्षक राकेश, रजनी के साथ 4 साल तक लिव इन रिलेशनशिप में रहा। उसके बाद एक साल पहले उससे कोर्ट मैरिज की। पर शादी के बाद उसे लगा कि उसे और अच्छा रिश्ता मिल सकता था। जिस पर वह रजनी से मायके से 10 लाख रुपए नकद, एक प्लॉट शहर में दिलाने की मांग करने लगा। इसके बाद पत्नी ने मामले की शिकायत की और यह खुलासा हुआ।

बाइट--नवनीत भसीन --एसपी ग्वालियर
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