ग्वालियर। पांच दिवसीय देश का प्रतिष्ठित तानसेन समारोह का हरि कथा और चादरपोशी मीलाद के बाद शुभारंभ हो गया. सुबह 4 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी है. जबकि शाम की सभा भी संगीत प्रेमियों के लिए खास होगी. दरअसल ग्वालियर में पिछले 99 साल से संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में संगीत सभा का आयोजन होता है. 26 दिसंबर को 1500 तबला वादक इस समारोह में अपनी प्रस्तुति देंगे. जहां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन सकता है.
हिंदू-मुस्लिम एकता के साथ शुभारंभ: इस संगीत समारोह में देश-विदेश के संगीत कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देने आते रहे हैं. हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक हरि कथा एवं चादरपोशी के साथ समारोह का रविवार सुबह कड़कडा़ती ठंड में शुभारंभ हुआ. सुबह तानसेन के समाधि स्थल पर शहनाई वादन मीलाद और चादरपोशी की गई. वहीं ढोली बुआ महाराज ने हरि कीर्तन के साथ पहली सभा का आगाज किया. उनका कहना है कि यह समारोह न सिर्फ संगीत प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हिंदू मुस्लिम एकता की भी मिसाल पेश करता है.
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सोमवार को होगा तानसेन अलंकरण: तानसेन अलंकरण का आयोजन सोमवार को होगा. जिसमें मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शास्त्रीय गायन के लिए पंडित गणपति भट्ट हासणगि को सम्मानित करेंगे. इससे पहले इंटक मैदान में शनिवार देर रात तक कड़कड़ाती ठंड में प्रख्यात सूफी गायिका रिचा शर्मा ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया. उन्होंने तानसेन समारोह के पहले गमक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि तानसेन समारोह में आना उनका सौभाग्य है. सूफी गायन के बारे में उन्होंने कहा कि वे इसे ईश्वर की आराधना मानती हैं. उन्होंने इंटक मैदान में मौजूद संगीत के प्रेमियों को पंजाबी लोक गीत सोणी आबे माही आबे गुनगुनाते हुए मंच पर दस्तक दी.