ETV Bharat / state

सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, फिजिकल रैली को मिली मंजूरी

author img

By

Published : Oct 26, 2020, 6:06 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 6:16 PM IST

हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के चलते फिजिकल रैली और आम सभा पर रोक लगा दी थी, जिस पर चुनाव आयोग की याचिका के बाद हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.

Supreme Court stage Jabalpur High Court order
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाईकोर्ट के आदेश पर रोकसुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिससे राजनीतिक दलों को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के चलते फिजिकल रैली और आम सभा पर रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि इससे कोरोना संक्रमण फैल सकता है. इसलिए राजनीतिक दल सिर्फ वर्चुअल कैंपेनिंग करें और जहां वर्चुअल कैंपेनिंग में समस्या आ रही हो वहां कलेक्टर को आवेदन करें.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि कलेक्टर चुनाव आयोग से अनुमति लेकर संबंधित राजनीतिक दल को फिजिकल रैली और आम सभा आयोजित करने की अनुमति देगा. इस आदेश को हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को कंटन्यू रखा था. इसके खिलाफ ग्वालियर पूर्व विधानसभा और ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रद्युम्न सिंह और मुन्ना लाल गोयल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके अलावा चुनाव आयोग भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक कर इसे उसके अधिकार क्षेत्र में दखल बताया था.

ये भी पढ़े- सुप्रीम कोर्ट पहुंचा चुनाव आयोग,कहा- इलेक्शन कैंपेनिंग को लेकर एमपी हाई कोर्ट का फैसला मतदान प्रक्रिया में दखल

प्रत्याशियों और चुनाव आयोग की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की चिंताओं को सही माना लेकिन यह भी माना की चुनाव के दौरान ये अधिकार चुनाव आयोग के हैं. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की चिंताओं के बारे में चुनाव आयोग गौर करें और कोविड-19 शर्तों का नियमानुसार पालन कराए.

ये भी पढ़े- मुख्यमंत्री, राज्यपाल के अलावा 14 मंत्रियों को HC का नोटिस, 14 दिसंबर को होगी सुनवाई

बता दें हाईकोर्ट के आदेश पर ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया, रामनिवास रावत सहित कई लोगों के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा FIR भी दर्ज हो चुकी हैं.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिससे राजनीतिक दलों को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के चलते फिजिकल रैली और आम सभा पर रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि इससे कोरोना संक्रमण फैल सकता है. इसलिए राजनीतिक दल सिर्फ वर्चुअल कैंपेनिंग करें और जहां वर्चुअल कैंपेनिंग में समस्या आ रही हो वहां कलेक्टर को आवेदन करें.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि कलेक्टर चुनाव आयोग से अनुमति लेकर संबंधित राजनीतिक दल को फिजिकल रैली और आम सभा आयोजित करने की अनुमति देगा. इस आदेश को हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को कंटन्यू रखा था. इसके खिलाफ ग्वालियर पूर्व विधानसभा और ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रद्युम्न सिंह और मुन्ना लाल गोयल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके अलावा चुनाव आयोग भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक कर इसे उसके अधिकार क्षेत्र में दखल बताया था.

ये भी पढ़े- सुप्रीम कोर्ट पहुंचा चुनाव आयोग,कहा- इलेक्शन कैंपेनिंग को लेकर एमपी हाई कोर्ट का फैसला मतदान प्रक्रिया में दखल

प्रत्याशियों और चुनाव आयोग की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की चिंताओं को सही माना लेकिन यह भी माना की चुनाव के दौरान ये अधिकार चुनाव आयोग के हैं. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की चिंताओं के बारे में चुनाव आयोग गौर करें और कोविड-19 शर्तों का नियमानुसार पालन कराए.

ये भी पढ़े- मुख्यमंत्री, राज्यपाल के अलावा 14 मंत्रियों को HC का नोटिस, 14 दिसंबर को होगी सुनवाई

बता दें हाईकोर्ट के आदेश पर ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया, रामनिवास रावत सहित कई लोगों के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा FIR भी दर्ज हो चुकी हैं.

Last Updated : Oct 26, 2020, 6:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.