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किसान की मौत बनी पुलिसकर्मियों के गले की फांस, थानेदार सहित छह पर हत्या का केस दर्ज

बेलगड़ा थाने के हवालात में 55 साल के किसान की मौत के बाद थानेदार सहित छह पुलिसकर्मी सस्पेंड, न्यायिक जांच के साथ ही सभी पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

किसान की मौत बनी पुलिसकर्मियों के गले की फांस
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Published : Aug 12, 2019, 11:24 PM IST

ग्वालियर| बेलगड़ा थाने के हवालात में 55 साल के दलित किसान की मौत के बाद पूरे स्टाफ को सस्पेंड कर दिया था, साथ ही थानेदार सहित छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में थाना प्रभारी विजय सिंह के साथ ही आरक्षक नीरज सिंह प्रजापति, धर्मेंद्र सिंह, विजय सिंह, विनोद एहसान अली और अरुण मिश्रा को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.

किसान की मौत बनी पुलिसकर्मियों के गले की फांस

बेलगड़ा थाना क्षेत्र के बाजना गांव निवासी 55 साल के सुरेश सिंह रावत का गांव में ही रहने वाले खेमू के साथ किसी बात पर विवाद हो गया था. इसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने सुरेश की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज न करते हुए उसे जेल में बंद कर दिया था. कुछ देर बाद पुलिसकर्मी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया. मामले का पता चलते ही एसपी मौके पर पहुंचे और थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सुरेश को हवालात में बंद करने के बाद उन्हें बाहर निकाल दिया था और अंदर से सुरेश की चीख सुनाई पड़ रही थी. उन्होंने सुरेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी है. मामले को लेकर आईजी राजा बाबू का कहना है कि ये गंभीर लापरवाही का मामला है क्योंकि हवालात में मौजूद व्यक्ति किसी भी प्रकार का ऐसा सामान अपने साथ नहीं रख सकता, जिससे वो आत्महत्या कर ले. जिसके चलते मानवाधिकार आयोग ने निर्णय अनुसार मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जा रही है.

ग्वालियर| बेलगड़ा थाने के हवालात में 55 साल के दलित किसान की मौत के बाद पूरे स्टाफ को सस्पेंड कर दिया था, साथ ही थानेदार सहित छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में थाना प्रभारी विजय सिंह के साथ ही आरक्षक नीरज सिंह प्रजापति, धर्मेंद्र सिंह, विजय सिंह, विनोद एहसान अली और अरुण मिश्रा को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.

किसान की मौत बनी पुलिसकर्मियों के गले की फांस

बेलगड़ा थाना क्षेत्र के बाजना गांव निवासी 55 साल के सुरेश सिंह रावत का गांव में ही रहने वाले खेमू के साथ किसी बात पर विवाद हो गया था. इसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने सुरेश की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज न करते हुए उसे जेल में बंद कर दिया था. कुछ देर बाद पुलिसकर्मी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया. मामले का पता चलते ही एसपी मौके पर पहुंचे और थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सुरेश को हवालात में बंद करने के बाद उन्हें बाहर निकाल दिया था और अंदर से सुरेश की चीख सुनाई पड़ रही थी. उन्होंने सुरेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी है. मामले को लेकर आईजी राजा बाबू का कहना है कि ये गंभीर लापरवाही का मामला है क्योंकि हवालात में मौजूद व्यक्ति किसी भी प्रकार का ऐसा सामान अपने साथ नहीं रख सकता, जिससे वो आत्महत्या कर ले. जिसके चलते मानवाधिकार आयोग ने निर्णय अनुसार मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जा रही है.

Intro:ग्वालियर की बेलगड़ा थाने की हवालात में 55 वर्षीय किसान की मौत के बाद पूरे थाने पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। आज राजा बाबू ने बताया कि इस मामले में थाना प्रभारी विजय सिंह के साथ ही आरक्षक नीरज सिंह प्रजापति, धर्मेंद्र सिंह विजय सिंह, विनोद एहसान अली और अरुण मिश्रा को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।


Body:दरअसल ग्वालियर शहर के बेल गढ़ा थाना क्षेत्र की ग्राम बाजना निवासी 55 साल की सुरेश सिंह रावत का गांव में ही रहने वाली खेमू साथ किसी विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे वहां पर पुलिस ने सुरेश की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज ना करती हुए सुरेश को हवालात में बंद कर दिया था। अचानक पुलिसकर्मी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया मामले का पता चलते ही एसपी मौके पर पहुंचे और थाना प्रभारी सहित सात को 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर न्यायिक जांच के आदेश दे दिए । मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सुरेश को हवालात में बंद करने के बाद उन्हें बाहर निकाल दिया था और अंदर से सुरेश की चीख सुनाई पड़ रही थी उन्होंने सुरेश को पीट-पीटकर हत्या कर दी । मामले को लेकर आईजी राजा बाबू का कहना है कि यह गंभीर लापरवाही का मामला है क्योंकि हवालात में मौजूद व्यक्ति किसी भी प्रकार का ऐसा सामान अपने साथ नहीं रख सकता जिससे वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ले। लेकिन ऐसा ही घटित हुआ है। जिसके चलते मानव अधिकार आयोग ने निर्णय अनुसार मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जा रही है। जो कि आने वाले दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देंगे। फिलहाल बेलगड़ा थाना प्रभारी सहित 6 लोगों पर हत्या का मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।


Conclusion:बाईट -राजा बाबू , आईजी
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