ग्वालियर। जिले की उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने गाजियाबाद की रहने वाली एक महिला को उसके रेल यात्रा के दौरान चोरी हुए बैग के एवज में छह लाख रुपए का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही महिला को उपभोक्ता फोरम में याचिका लगाने के लिए हुए खर्च के रूप में 2 हजार रुपये देने के भी निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता फोरम ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा और उनके सामान की रक्षा से रेलवे अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता.
जानकारी के मुताबिक कशिश मोहम्मद अब्बास भोपाल से हजरत निजामुद्दीन जाने के लिए हबीबगंज स्टेशन से 29 जून 2015 को शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस से रवाना हुई थी. इस दौरान तकरीबन रात 3 बजे महिला के सिरहाने में रखा बैग चोरी हो गया. बैग में छह लाख रुपए कीमत के सोने-चांदी के जेवरात रखे हुए थे. दंपति ने दूसरे दिन सुबह निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचने पर इसकी शिकायत जीआरपी में दर्ज कराई थी, लेकिन मामला ग्वालियर के आसपास का था इसलिए उसे ग्वालियर जीआरपी रेफर कर दिया गया. 2 फरवरी 2017 को कशिश ने ग्वालियर के उपभोक्ता फोरम में अपने चोरी हुए सामान को लेकर दावा पेश किया था. इस मामले में फोरम ने नार्थ सेंट्रल रेलवे को छह लाख रुपए का भुगतान याचिकाकर्ता महिला को करने के आदेश दिए हैं.
रेलवे का कहना था कि इस मामले को खारिज किया जाए क्योंकि महिला बर्थ पर सो रही थी. वहीं उपभोक्ता फोरम का कहना है कि बर्थ सोने के लिए ही बुक कराई जाती है. जब दंपति का सामान चोरी हुआ तो ट्रेन की बोगी में न कोच अटेंडेंट मौजूद था और न ही टीटीई. ऐसे में दंपति शिकायत कराने कहां जाते. रेलवे का यह भी कहना था कि उक्त सामान के बारे में कोई बीमा नहीं कराया गया था, लेकिन उपभोक्ता फोरम में रेलवे की किसी बात को नहीं माना और महिला यात्री को छह लाख रुपए का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं.