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बैंकों के निजीकरण का विरोध, कर्मचारियों ने सड़क पर उतरकर किया प्रदर्शन

सार्वजनिक क्षेत्रों के चार बैंकों के निजीकरण करने की घोषणा के बाद से देशभर में इसका विरोध हो रहा हैं. विरोध में कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी कामकाज बंद रखा.

protest of bank personnel regarding privatization
बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Mar 16, 2021, 10:18 PM IST

ग्वालियर। सार्वजनिक क्षेत्रों के चार बैंकों के निजीकरण करने की घोषणा के बाद देश सहित प्रदेशभर में बैंक बंद का आह्वान किया गया था. बैंक कर्मचारियों ने कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर दूसरे दिन भी बैंकों में कामकाज ठप रखा.

सरकारी बैंको के निजीकरण पर विरोध

बैंक बंद को लेकर ग्वालियर में करीब 200 बैंकों में कामकाज नहीं हुआ. इससे करीब 10 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर प्रभावित हुआ. बैंक कर्मियों ने फूल बाग स्थित बैंक ऑफ इंडिया के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बैंक डिफाल्टर्स के हित को साधने वाला बताया. दरअसल, ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के आव्हान पर सोमवार से 2 दिन की बैंकों की हड़ताल रखी गई थी. विभिन्न बैंकों के सैकड़ों कर्मचारी इसमें हिस्सा ले रहे हैं. बैंक के बाहर जमा हुए लोगों ने 4 बैंकों के निजीकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

पढ़ें:आज से हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, निजीकरण का कर रहे विरोध

वित्र मंत्री पर साधा निशाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय घोषणा की थी कि दो बैंक निजी क्षेत्र को सौंपे जाएंगे. हाल ही में बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया को निजी क्षेत्र को सौंपे जाने की घोषणा की थी. बैंक कर्मियों का मानना है कि इससे हम लोगों की कमाई बैंक में सुरक्षित नहीं रहेगी. सरकार पूंजीपति घरानों के हाथों की कठपुतली बन गई है.

ग्वालियर। सार्वजनिक क्षेत्रों के चार बैंकों के निजीकरण करने की घोषणा के बाद देश सहित प्रदेशभर में बैंक बंद का आह्वान किया गया था. बैंक कर्मचारियों ने कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर दूसरे दिन भी बैंकों में कामकाज ठप रखा.

सरकारी बैंको के निजीकरण पर विरोध

बैंक बंद को लेकर ग्वालियर में करीब 200 बैंकों में कामकाज नहीं हुआ. इससे करीब 10 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर प्रभावित हुआ. बैंक कर्मियों ने फूल बाग स्थित बैंक ऑफ इंडिया के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बैंक डिफाल्टर्स के हित को साधने वाला बताया. दरअसल, ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के आव्हान पर सोमवार से 2 दिन की बैंकों की हड़ताल रखी गई थी. विभिन्न बैंकों के सैकड़ों कर्मचारी इसमें हिस्सा ले रहे हैं. बैंक के बाहर जमा हुए लोगों ने 4 बैंकों के निजीकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

पढ़ें:आज से हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, निजीकरण का कर रहे विरोध

वित्र मंत्री पर साधा निशाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय घोषणा की थी कि दो बैंक निजी क्षेत्र को सौंपे जाएंगे. हाल ही में बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया को निजी क्षेत्र को सौंपे जाने की घोषणा की थी. बैंक कर्मियों का मानना है कि इससे हम लोगों की कमाई बैंक में सुरक्षित नहीं रहेगी. सरकार पूंजीपति घरानों के हाथों की कठपुतली बन गई है.

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