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लॉकडाउन से प्रिंटिंग व्यवसाय पूरी तरह से चौपट, लॉकडाउन 4.0 में छूट मिलने की उम्मीद

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Published : May 18, 2020, 1:06 AM IST

लॉकडाउन का असर सभी जगह देखने को मिल रहा है. ऐसे में ग्वालियर में प्रिंटिंग व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है. जिसको लेकर प्रिंटर्स एसोसिएशन ने सरकार से लॉकडाउन के चौथे चरण में छूट देने की मांग की है.

printing press loss
प्रिंटिंग व्यवसाय पर लॉकडाउन का असर

ग्वालियर। कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन से प्रिंटिंग व्यवसाय पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर आ गया है. ग्वालियर प्रिंटर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में उन्हें कुछ छूट दी जाएं.

प्रिंटिंग व्यवसाय पर लॉकडाउन का असर

करीब 2 महीने से ढाई दर्जन से ज्यादा ग्वालियर के प्रिंटिंग प्रेस बंद पड़े हुए हैं. प्रिंटर्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि उन्हें अपने स्टाफ को सैलेरी के साथ पेमेंट और बिजली का बिल समय पर देना पड़ता है, इसके अलावा उनके पहले बुक किए ऑर्डर भी स्टाफ के नहीं आने से पूरे नहीं हो पा रहे हैं.

प्रिंटिंग प्रेस में रखा कागज, प्लेटें, केमिकल सभी खराब होने लगा है. इसलिए प्रिंटर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि लॉकडाउन 4.0 में उन्हें कुछ रियायत दी जाए. उनका यह भी कहना है कि प्रिंटिंग के व्यवसाय में भीड़भाड़ का काम नहीं होता है.

उन्होंने बताया कि यहां पहले से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है, कोई भी दो मशीन सटकर नहीं लगी होती हैं. उनको चलाने वाले भी दूर-दूर खड़े होते हैं. इसलिए उन्हें कुछ घंटों की मोहलत दी जाए तो वे अपना ना सिर्फ पेंडिंग काम पूरा कर सकते हैं बल्कि अपने रोजमर्रा के खर्चे निकाल सकते हैं.

इससे पहले प्रिंटिंग प्रेस एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के माध्यम से ग्वालियर जिला प्रशासन को भी ज्ञापन दिया था लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ग्वालियर। कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन से प्रिंटिंग व्यवसाय पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर आ गया है. ग्वालियर प्रिंटर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन के चौथे चरण में उन्हें कुछ छूट दी जाएं.

प्रिंटिंग व्यवसाय पर लॉकडाउन का असर

करीब 2 महीने से ढाई दर्जन से ज्यादा ग्वालियर के प्रिंटिंग प्रेस बंद पड़े हुए हैं. प्रिंटर्स एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि उन्हें अपने स्टाफ को सैलेरी के साथ पेमेंट और बिजली का बिल समय पर देना पड़ता है, इसके अलावा उनके पहले बुक किए ऑर्डर भी स्टाफ के नहीं आने से पूरे नहीं हो पा रहे हैं.

प्रिंटिंग प्रेस में रखा कागज, प्लेटें, केमिकल सभी खराब होने लगा है. इसलिए प्रिंटर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि लॉकडाउन 4.0 में उन्हें कुछ रियायत दी जाए. उनका यह भी कहना है कि प्रिंटिंग के व्यवसाय में भीड़भाड़ का काम नहीं होता है.

उन्होंने बताया कि यहां पहले से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है, कोई भी दो मशीन सटकर नहीं लगी होती हैं. उनको चलाने वाले भी दूर-दूर खड़े होते हैं. इसलिए उन्हें कुछ घंटों की मोहलत दी जाए तो वे अपना ना सिर्फ पेंडिंग काम पूरा कर सकते हैं बल्कि अपने रोजमर्रा के खर्चे निकाल सकते हैं.

इससे पहले प्रिंटिंग प्रेस एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के माध्यम से ग्वालियर जिला प्रशासन को भी ज्ञापन दिया था लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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