ग्वालियर। सरकार भले ही पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए नियमित क्लास लगाने के लिए स्कूल खोलने के दावे कर रही हो. साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही हो, लेकिन पिछले 8 महीनों से बंद स्कूलों की हालत देखकर नहीं लगता कि नए माहौल में स्कूल एक दिसंबर से खुल सकेंगे. लगातार 8 महीने से बंद रहने वाले स्कूलों में साफ सफाई तक नहीं हुई है.
हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ दिन पहले स्कूलों के स्टाफ को नियमित रूप से वहां जाने के निर्देश जारी किए थे लेकिन ग्वालियर के नाका चंद्रबदनी में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में साफ-सफाई की दरकार होने के साथ ही वहां नए सिरे से क्लास लगाना स्कूल प्रबंधन के लिए मुश्किल होगा. लगातार बंद रहने के कारण बच्चों के लिए बोर्ड पर लिखी गई सामान्य जानकारी को भी अपडेट नहीं किया गया है. वहां मुख्यमंत्री के रूप में आज भी कमलनाथ का नाम दर्ज है. इसी तरह कलेक्टर और एसपी के नाम भी पुराने लिखे हुए हैं.
कमोबेश यही हालात शहर के हर प्राइमरी और मिडिल स्कूल की है. स्कूलों में नियमित कक्षाओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग मास्क पहनने और सैनिटाइजिंग के मापदंडों को अपनाना होगा, लेकिन स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए अतिरिक्त क्लास रूम और फर्नीचर की व्यवस्था करनी होगी, साथ ही साफ सफाई भी स्कूलों के लिए एक चुनौती होगी. हाल ही में स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें बंद चल रहे प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को एक दिसंबर से खोले जाने का प्रस्ताव भेजा गया है.