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बैचमेट से मिलने पहुंच रहे पुलिस अफसर, सड़क पर भीख मांगते मिले थे सब इंस्पेक्टर रह चुके मनीष मिश्रा

दस नवंबर की रात को चेतकपुरी इलाके में कचरे के ढेर में खाना तलाशते सब इंस्पेक्टर रह चुके मनीष मिश्रा मिले थे. फिलहाल वह स्वर्ग सेवा आश्रम में रह रहे हैं, और इन दिनों उनके बैचमेट रह चुके पुलिस अफसर उनसे मिलने पहुंच रहे हैं.

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Published : Nov 17, 2020, 9:54 AM IST

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ग्वालियर

ग्वालियर। दस नवंबर की रात को चेतकपुरी इलाके में कचरे के ढेर में खाना तलाशते सब इंस्पेक्टर रह चुके मनीष मिश्रा मिले थे. फिलहाल वह स्वर्ग सेवा आश्रम में रह रहे हैं, और इन दिनों उनके बैचमेट रह चुके पुलिस अफसर उनसे मिलने पहुंच रहे हैं. बीते दिनों तीन थाना प्रभारी और एक डीएसपी सहित 5 पुलिस अफसर अपने साथी से मिलने आश्रम पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपने दोस्त से मिलकर उनका हाल जाना है.

बैचमेट से मिलने पहुंच रहे हैं पुलिस अफसर

मनीष मिश्रा से मिलने पहुंचे उनके बैच के दोस्त

महाराजपुरा थाना प्रभारी मिर्जा आसिफ बेग इंदरगंज थाना प्रभारी शैलेंद्र भार्गव विश्वविद्यालय थाना प्रभारी राम नरेश यादव, देवास डीएसपी सतीश चतुर्वेदी अपने साथी से मिलने स्वर्ग सेवा आश्रम पहुंचकर थोड़ी देर बातचीत करने के बाद मनीष मिश्रा ने सभी को पहचान लिया. सभी अधिकारियों ने उनसे घर गृहस्थी की बातें की.

पुलिस को भिखारी के रूप में मिले थे मनीष मिश्रा

दरअसल दो पुलिस उप आधीक्षक विजय भदौरिया और रत्नेश तोमर को 10 नवंबर की रात भिखारी के रूप में एक शख्स मिला था. जिसे उन्होंने खाना और ठंड से बचने के लिए एक जैकेट दिए. मानसिक स्थिति खराब होने के कारण नौकरी खो चुके पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने अपने बैच के पुलिस अफसरों को देखकर उन्हें पहचान लिया, और नाम लेकर पुकारा तो पुलिस अफसर भी हैरान रह गए. पता चला कि वह 1999 बैच का पुलिस सब इंस्पेक्टर कुछ साल पुलिस विभाग में नौकरी करने के बाद मानसिक संतुलन खो बैठा था, और अपने घर चला गया था.

मानसिक स्थिति बिगड़ने के बाद पत्नी ने छोड़ा साथ

मनीष मिश्रा के पिता एडिशनल एसपी और बहन दूतावास में पदस्थ है. बड़ा भाई थाना प्रभारी है, लेकिन मनीष मिश्रा की मानसिक स्थिति खराब होने के कारण उसकी पत्नी छोड़ कर चली गई. घर वालों ने इलाज कराने की काफी कोशिश की. लेकिन लगातार मानसिक स्थिति बिगड़ने के चलते वह अस्पताल छोड़कर भाग जाते थे.

ग्वालियर। दस नवंबर की रात को चेतकपुरी इलाके में कचरे के ढेर में खाना तलाशते सब इंस्पेक्टर रह चुके मनीष मिश्रा मिले थे. फिलहाल वह स्वर्ग सेवा आश्रम में रह रहे हैं, और इन दिनों उनके बैचमेट रह चुके पुलिस अफसर उनसे मिलने पहुंच रहे हैं. बीते दिनों तीन थाना प्रभारी और एक डीएसपी सहित 5 पुलिस अफसर अपने साथी से मिलने आश्रम पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपने दोस्त से मिलकर उनका हाल जाना है.

बैचमेट से मिलने पहुंच रहे हैं पुलिस अफसर

मनीष मिश्रा से मिलने पहुंचे उनके बैच के दोस्त

महाराजपुरा थाना प्रभारी मिर्जा आसिफ बेग इंदरगंज थाना प्रभारी शैलेंद्र भार्गव विश्वविद्यालय थाना प्रभारी राम नरेश यादव, देवास डीएसपी सतीश चतुर्वेदी अपने साथी से मिलने स्वर्ग सेवा आश्रम पहुंचकर थोड़ी देर बातचीत करने के बाद मनीष मिश्रा ने सभी को पहचान लिया. सभी अधिकारियों ने उनसे घर गृहस्थी की बातें की.

पुलिस को भिखारी के रूप में मिले थे मनीष मिश्रा

दरअसल दो पुलिस उप आधीक्षक विजय भदौरिया और रत्नेश तोमर को 10 नवंबर की रात भिखारी के रूप में एक शख्स मिला था. जिसे उन्होंने खाना और ठंड से बचने के लिए एक जैकेट दिए. मानसिक स्थिति खराब होने के कारण नौकरी खो चुके पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने अपने बैच के पुलिस अफसरों को देखकर उन्हें पहचान लिया, और नाम लेकर पुकारा तो पुलिस अफसर भी हैरान रह गए. पता चला कि वह 1999 बैच का पुलिस सब इंस्पेक्टर कुछ साल पुलिस विभाग में नौकरी करने के बाद मानसिक संतुलन खो बैठा था, और अपने घर चला गया था.

मानसिक स्थिति बिगड़ने के बाद पत्नी ने छोड़ा साथ

मनीष मिश्रा के पिता एडिशनल एसपी और बहन दूतावास में पदस्थ है. बड़ा भाई थाना प्रभारी है, लेकिन मनीष मिश्रा की मानसिक स्थिति खराब होने के कारण उसकी पत्नी छोड़ कर चली गई. घर वालों ने इलाज कराने की काफी कोशिश की. लेकिन लगातार मानसिक स्थिति बिगड़ने के चलते वह अस्पताल छोड़कर भाग जाते थे.

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