ग्वालियर। अहमदाबाद के विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा (Motera Stadium) को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट में पिटिशन लगाने वाले अधिवक्ता उमेश बोहरे पर 10,000 रुपये का हर्जाना लगाया गया है. हाईकोर्ट का कहना है कि यह पिटिशन सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए लगाई गई है, जबकि यह जनहित का मुद्दा नहीं है. यह पॉलिसी मैटर है.
करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं वल्लभ भाई पटेल
किसी स्टेडियम (Motera Stadium) का नाम कुछ भी रखा जाए, यह मुद्दा आम जनता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उधर, याचिकाकर्ता अधिवक्ता का कहना है कि पूर्व में इस स्टेडियम को लौह पुरुष और देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ (Vallabhbhai Patel) भाई पटेल के नाम पर रखा गया था. बाद में उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर स्टेडियम का नाम किया गया. उन्होंने कहा कि देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उनके नाम पर बने स्टेडियम का नाम नहीं बदला जाना चाहिए.
अहमदाबाद का सरदार पटेल स्टेडियम हुआ नरेंद्र मोदी स्टेडियम
अधिवक्ता का यह भी कहना है कि वे हाईकोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं. यह याचिका होने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए नहीं लगाई थी. हजारों लाखों लोगों के प्रेरणा स्रोत सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति को चिर स्थाई करने के लिए लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे और अपनी बात को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे.