ग्वालियर। ग्वालियर के साथ-साथ पूरे जिले में धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी करते हुए कोचिंग सेंटर खुल रहे हैं. जिसमें छात्रों कि सुरक्षा हेतु कोई भी इंतजाम मौजूद नहीं है. इस पर उप महाधिवक्ता ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच में याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग से जवाब तलब किया था. नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने शपथ पत्र के द्वारा जो जवाब कोर्ट को भेजा था. उस पर हाईकोर्ट ने असहमति जताई है.
दरअसल पूर्व उप महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. शहर में चल रहे कोचिंग सेंटर के चालक तमाम सुरक्षा मानकों को दरकिनार करते हुए संचालन कर रहे हैं. किसी भी तरह की अनहोनी होने पर छात्रों के बचने के कोई इंतजाम इन सेंटरों में उपलब्ध नहीं हैं, जिसके लिए गाइडलाइन बनना अनिवार्य है.
नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने अपने शपथपत्र में जवाब देते हुए कहा कि कोई भी गाइडलाइन तय करने के लिए पहले वरिष्ठ सचिवों की बैठक होगी. जिसमें प्रस्ताव बनाया जाएगा. जिसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया जाएगा और फिर राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. चूकि विधानसभा सत्र अभी नहीं चल रहा है जिसके कारण 4 से 6 महीनें का वक्त लग सकता है. बता दे कि प्रमुख सचिव के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने अगते हफ्ते फिर सुनवाई रखी है .