ग्वालियर। कोरोना को हरा चुके अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जो दवाई दी गई थी उसे ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में आये हुए एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन जिन मापदंडों पर यह दवाई मरीजों को दी जानी है उस पर यहां भर्ती मरीज खरे नहीं उतर रहे हैं.जिससे अब तक यह दवाई एक भी कोविड मरीज को नहीं दी जा सकी है. इस दवा के प्रयोग के लिए गाइडलाइन तय है, यह दवा माइल्ड और मॉडरेट मरीज के इलाज में उपयोग की जा सकती है.लेकिन जयारोग्य अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी में जो मरीज भर्ती हैं या जो हो रहे हैं, वे इस गाइडलाइन में फिट नहीं बैठ रहे हैं.जिसकी वजह से ट्रायल अब तक रुका हुआ है.
एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नहीं मिल रहे मरीज
जयरोग्य अस्पताल में एंटीबॉडी कॉकटेल दवा को आए हुए एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन ट्रायल के तौर पर इस दवा का उपयोग अभी तक किसी भी मरीज पर नहीं हो पाया है. जिन मरीजों पर इस दवा का उपयोग हो सकता है वे घर पर इलाज ले रहे हैं, इस कारण डॉक्टर इस दवा का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि अब तक इस दवा का किसी भी मरीज पर ट्रायल नहीं हो पाया है.फिलहाल इसको लेकर जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक आरकेएस धाकड़ ने एक डॉक्टरों की एक टीम गठित कर दी है. उसके बाद मरीज की पहचान कर इस ड्रग का ट्रायल शुरू किया जाएगा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी गई थी एंटीबॉडी कॉकटेल दवा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना ठीक करने के लिए यह एंटीबॉडी कॉकटेल दवा दी गई थी. यह ऐसी एंटीबॉडी का मिश्रण है जो किसी भी वायरस पर एक जैसा असर करती है. इस एंटीबॉडी कॉकटेल दवा में कोरोना पर समान असर करने वाली एंटीबॉडीज होती है, जो दो दवाई के मिश्रण से तैयार किया जाता है. इसे स्विस कंपनी रोज और भारतीय कंपनी सिप्ला ने तैयार किया है लेकिन फिलहाल दवा का ट्रायल ग्वालियर में नहीं हो सका है.पहले तो मरीज नहीं मिल रहे हैं और दूसरी ओर जो मिल रहे हैं वे ट्रायल करना नहीं चाहते हैं.
दवा के उपयोग के लिए गाइडलाइन
मरीज की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव होनी चाहिए, मरीज की उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक हो, मरीज हाई रिस्क में आता हो, जैसे उसे किडनी या डायबिटीज संबंधी परेशानी हो, ऑक्सीजन लेवल मरीज का 90 या इससे अधिक हो और मरीज का ऑक्सीजन सपोर्ट 5 लीटर या इससे कम हो.