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यात्री बसों में नहीं चढ़ रही सवारी, 15 फीसदी रह गई संख्या

कोरोना काल में लोग बस में सफर करने से डर रहे हैं. ऐसे में बस संचालकों को सवारी नहीं मिल रही. लिहाजा उनके सामने अब रोजी-रोटी तक का संकट छाने लगा है. ग्वालियर बस स्टैंड से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या अब घटकर 15 फीसदी ही रह गई है.

passengers are not travelling by bus in gwalior
यात्री बसों में नहीं चढ़ रही सवारी, 15 फीसदी रह गई संख्या
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Published : Apr 30, 2021, 5:37 PM IST

ग्वालियर। कोरोना महामारी ने हर किसी को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है. बड़े से लेकर छोटे व्यापारी तक इसकी जद में आए. लेकिन इस दौर में सबसे ज्यादा कोई पिसा है, तो वह है रोज कमा कर खाने वाले. इन्हीं में बस ऑपरेटर भी हैं. जिनकी गाड़ी जैसे-तैसे करके पिछले 4 महीने से दोबारा दौड़ने लगी थी. लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर के चलते फिर इन बस ऑपरेटर्स को सवारियां नहीं मिल रही हैं. परिवहन विभाग ने बस संचालकों से रोड टैक्स और फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए निर्धारित पूरी फीस भी वसूल ली. इसके बाद भी यात्री नहीं मिल रहे हैं. सभी का अच्छा खासा नुकसान भी हो रहा है.

यात्री बसों में नहीं चढ़ रही सवारी, 15 फीसदी रह गई संख्या

सभी बुकिंग हो गईं कैंसिल

कई बस ऑपरेटर्स ने मालिकों से ठेके पर बस ले रखी हैं, जिसकी तय राशि उन्हें हर महीने जमा करनी होती है. वहीं बस ऑपरेटर्स ने बताया कि, कोरोना की वजह से शादी-पार्टियों के लिए बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. बस में सवारी भी बेहद कम संख्या में चढ़ रहे हैं. पहले हर रोज ग्वालियर सरकारी बस स्टैंड से पांच हजार से ज्यादा यात्री सफर करते थे. इनमें आसपास के इलाकों के अलावा दूरदराज के शहरों में जाने वाले शामिल थे. लेकिन अब ये संख्या तेजी से घटकर सिर्फ पंद्रह फीसदी ही रह गई है. कई बार तो ग्वालियर से डबरा, मुरैना या भिंड के लिए चलने वाली बसों में सिर्फ 8 या 10 यात्री ही बैठे होते हैं.

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क्या कहना है बस ऑपरेटर्स का ?

बस ऑपरेटर अर्जुन साहू का कहना है कि, 'पिछले 10 दिन के अंदर डेढ़ लाख का नुकसान हो चुका है. यात्री बसों का किराया भी नहीं बढ़ा सकते हैं. दूसरी तरफ डीजल के रेट भी काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में बस चलाना में घाटा हो रहा है'.

ग्वालियर। कोरोना महामारी ने हर किसी को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है. बड़े से लेकर छोटे व्यापारी तक इसकी जद में आए. लेकिन इस दौर में सबसे ज्यादा कोई पिसा है, तो वह है रोज कमा कर खाने वाले. इन्हीं में बस ऑपरेटर भी हैं. जिनकी गाड़ी जैसे-तैसे करके पिछले 4 महीने से दोबारा दौड़ने लगी थी. लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर के चलते फिर इन बस ऑपरेटर्स को सवारियां नहीं मिल रही हैं. परिवहन विभाग ने बस संचालकों से रोड टैक्स और फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए निर्धारित पूरी फीस भी वसूल ली. इसके बाद भी यात्री नहीं मिल रहे हैं. सभी का अच्छा खासा नुकसान भी हो रहा है.

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सभी बुकिंग हो गईं कैंसिल

कई बस ऑपरेटर्स ने मालिकों से ठेके पर बस ले रखी हैं, जिसकी तय राशि उन्हें हर महीने जमा करनी होती है. वहीं बस ऑपरेटर्स ने बताया कि, कोरोना की वजह से शादी-पार्टियों के लिए बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. बस में सवारी भी बेहद कम संख्या में चढ़ रहे हैं. पहले हर रोज ग्वालियर सरकारी बस स्टैंड से पांच हजार से ज्यादा यात्री सफर करते थे. इनमें आसपास के इलाकों के अलावा दूरदराज के शहरों में जाने वाले शामिल थे. लेकिन अब ये संख्या तेजी से घटकर सिर्फ पंद्रह फीसदी ही रह गई है. कई बार तो ग्वालियर से डबरा, मुरैना या भिंड के लिए चलने वाली बसों में सिर्फ 8 या 10 यात्री ही बैठे होते हैं.

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क्या कहना है बस ऑपरेटर्स का ?

बस ऑपरेटर अर्जुन साहू का कहना है कि, 'पिछले 10 दिन के अंदर डेढ़ लाख का नुकसान हो चुका है. यात्री बसों का किराया भी नहीं बढ़ा सकते हैं. दूसरी तरफ डीजल के रेट भी काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में बस चलाना में घाटा हो रहा है'.

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