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भ्रष्टाचार की इंतहा! निर्माणाधीन अस्पताल में गुजरात की एजेंसी को 4 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान, मंत्री ने दिए जांच के आदेश

ग्वालियर में बन रहे हजार बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां गुजरात की एजेंसी को बिना काम के करीब 4 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है. यह घोटाला पिछले दिनों ही सुर्खियों में आया था. इसके बाद से जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और लोक निर्माण विभाग के मंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

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Published : Jul 26, 2021, 11:48 AM IST

Updated : Jul 26, 2021, 12:16 PM IST

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ग्वालियर समाचार

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण आयाम जुड़ने से पहले ही विवादों में घिर गया है. यहां पॉटरीज की जमीन पर बन रहे हजार बिस्तरों वाले अस्पताल में अब निर्माण करने वाली गुजरात की एजेंसी को बिना काम के करीब 4 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है. यह घोटाला पिछले दिनों ही सुर्खियों में आया था. इसके बाद से जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

अस्पताल को जल्द पूरा करने के निर्देश
पीआईयू यानी प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीके आरव ने इन दिनों ग्वालियर में डेरा डाला हुआ है. वह पीआईयू के अधिकारियों लोक निर्माण विभाग के अफसरों और अस्पताल प्रबंधन के बीच बैठक कर रहे हैं, और मामले की वस्तुस्थिति जानने की कोशिश में हैं. सोमवार को अतिरिक्त परियोजना संचालक आरव अपनी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हजार बिस्तरों वाले अस्पताल के आधे बिस्तरों के अस्पताल को जल्द ही पूरा करने के निर्देश दिए थे.

अस्पताल के निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए अस्पताल का निर्माण भी जल्द किया जा रहा था, लेकिन इस बीच पीआईयू के सब इंजीनियर पीएन रायपुरिया ने 4 पेज की एक शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह से अनियमितता और भ्रष्टाचार तथा बिना कार्य के 3 करोड़ 85 लाख का भुगतान निर्माणकर्ता एजेंसी को किया गया है.

घटिया किस्म की सामग्री का इस्तेमाल
खास बात यह है कि पीएन रायपुरिया के मार्ग निर्देशन में ही इस 338 करोड़ की लागत से बन रहे अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. उन्हीं के द्वारा की गई शिकायत अस्पताल प्रबंधन लोक निर्माण विभाग और पीआईयू के वरिष्ठ अफसर कटघरे में खड़े हो गए हैं. इस बारे में कोई भी अफसर बात करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने एक बार फिर कहा है कि अस्पताल के निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है. जिस चंबल की रेत का इस्तेमाल इस अस्पताल में किया गया है. वह प्लास्टर के लिहाज से बिल्कुल भी सही नहीं है.

निर्माणाधीन अस्पताल में भ्रष्टाचार का मामला


ट्रांसफर की टेंशन: डेडलाइन खत्म होने में सिर्फ 6 दिन बाकी, कई विभागों में 24 हजार से ज्यादा एप्लीकेशन पेंडिंग

मंत्री प्रदुमन तोमर ने कही ये बात
इसके अलावा घटिया निर्माण जंग लगे सरिया भी अस्पताल के निर्माण में उपयोग में लाए गए हैं, जिसकी समय-समय पर शिकायत की जाती रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को वे ना सिर्फ विधानसभा में उठाएंगे, बल्कि लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी इस मामले की शिकायत करेंगे. उधर, कोविड प्रभारी मंत्री प्रदुमन तोमर का कहना है कि इस मामले की जांच चल रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण आयाम जुड़ने से पहले ही विवादों में घिर गया है. यहां पॉटरीज की जमीन पर बन रहे हजार बिस्तरों वाले अस्पताल में अब निर्माण करने वाली गुजरात की एजेंसी को बिना काम के करीब 4 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है. यह घोटाला पिछले दिनों ही सुर्खियों में आया था. इसके बाद से जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

अस्पताल को जल्द पूरा करने के निर्देश
पीआईयू यानी प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीके आरव ने इन दिनों ग्वालियर में डेरा डाला हुआ है. वह पीआईयू के अधिकारियों लोक निर्माण विभाग के अफसरों और अस्पताल प्रबंधन के बीच बैठक कर रहे हैं, और मामले की वस्तुस्थिति जानने की कोशिश में हैं. सोमवार को अतिरिक्त परियोजना संचालक आरव अपनी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हजार बिस्तरों वाले अस्पताल के आधे बिस्तरों के अस्पताल को जल्द ही पूरा करने के निर्देश दिए थे.

अस्पताल के निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए अस्पताल का निर्माण भी जल्द किया जा रहा था, लेकिन इस बीच पीआईयू के सब इंजीनियर पीएन रायपुरिया ने 4 पेज की एक शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह से अनियमितता और भ्रष्टाचार तथा बिना कार्य के 3 करोड़ 85 लाख का भुगतान निर्माणकर्ता एजेंसी को किया गया है.

घटिया किस्म की सामग्री का इस्तेमाल
खास बात यह है कि पीएन रायपुरिया के मार्ग निर्देशन में ही इस 338 करोड़ की लागत से बन रहे अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. उन्हीं के द्वारा की गई शिकायत अस्पताल प्रबंधन लोक निर्माण विभाग और पीआईयू के वरिष्ठ अफसर कटघरे में खड़े हो गए हैं. इस बारे में कोई भी अफसर बात करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने एक बार फिर कहा है कि अस्पताल के निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है. जिस चंबल की रेत का इस्तेमाल इस अस्पताल में किया गया है. वह प्लास्टर के लिहाज से बिल्कुल भी सही नहीं है.

निर्माणाधीन अस्पताल में भ्रष्टाचार का मामला


ट्रांसफर की टेंशन: डेडलाइन खत्म होने में सिर्फ 6 दिन बाकी, कई विभागों में 24 हजार से ज्यादा एप्लीकेशन पेंडिंग

मंत्री प्रदुमन तोमर ने कही ये बात
इसके अलावा घटिया निर्माण जंग लगे सरिया भी अस्पताल के निर्माण में उपयोग में लाए गए हैं, जिसकी समय-समय पर शिकायत की जाती रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को वे ना सिर्फ विधानसभा में उठाएंगे, बल्कि लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी इस मामले की शिकायत करेंगे. उधर, कोविड प्रभारी मंत्री प्रदुमन तोमर का कहना है कि इस मामले की जांच चल रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jul 26, 2021, 12:16 PM IST
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