ग्वालियर। कोरोना महामारी के दौरान भर्ती की गई नर्सों को नौकरी से निकाले जाने के बाद विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. अचानक बेरोजगार हुई नर्सों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में हंगामा किया और कलेक्टर को अपना मांग पत्र भी सौंपा. इन नर्सों का आरोप है कि उन्हें बिना पूर्व सूचना के नौकरी से बेदखल किया गया है.
मेरिट के आधार पर हुआ था चयन
दरअसल महामारी के दौरान मार्च में इन नर्सों को अनुबंध के आधार पर रखा गया था और मेरिट के आधार पर उनका चयन हुआ था. लेकिन पिछले महीने अचानक उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. कई एएनएम भी नौकरी से हटा दी गई.
नसों का कहना है कि जब मुश्किल दौर में मरीजों के घर वाले भी उनका साथ छोड़ रहे थे तब उन्होंने तमाम जोखिम उठाकर मरीजों की सेवा की थी और स्वास्थ्य विभाग का हाथ बंटाया था, लेकिन उन्हें अब बोझ समझकर नौकरी से हटा दिया गया है.
सिंधिया ने दिया था आश्वासन
नर्सों का कहना है कि वे ऊर्जा मंत्री प्रदुमन तोमर स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी और तमाम जगह अपनी गुहार लगा चुकी है. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. इन नर्सों ने रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष भी अपना दुखड़ा रोया था, तब उन्होंने नर्सों को आश्वस्त किया था कि उनकी मांग के बारे में सरकार में चर्चा करेंगे.