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'नर्स डे' पर नर्सेज एसोसिएशन का धरना, बहाली की मांग

जिले में नर्सों की बहाली के लिए जयारोग्य अस्पताल समूह के नर्सेज एसोसिएशन ने मांग की है, कि नर्सों की बहाली की जाए, नहीं तो वो प्रशासन के खिलाफ धरना देंगी.

Nurses Association demanded recruitment of nurses
नर्सेज एसोसिएशन ने की नर्सों की भर्ती की मांग
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Published : May 11, 2021, 9:57 AM IST

ग्वालियर। जिले में कोरोना का कहर जारी है. इस महामारी में सबसे ज्यादा वर्क लोड अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों पर बढ़ा है.नर्सों की कमी के चलते डबल काम करना पड़ रहा है, ऐसे में नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सों की बहाली की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर सभी नर्सों ने मिलकर धरना देने की बात कही है. पहले की जो नर्स हैं उनसे ही काम करवाया जा रहा है. इस महामारी के दौर में नर्सों की कम संख्या होने पर उनपर अधिक वर्क लोड पड़ रहा है, जिससे उनकी तबियत भी खराब हो रही है. जिले की कई नर्स तो कोरोना से संक्रमित भी हो चुकी हैं. इसका ध्यान रखते हुए जिले में जयारोग्य अस्पताल समूह के नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सों की बहाली के लिए प्रशासन से मांग की है.

नर्सेज एसोसिएशन ने की नर्सों की भर्ती की मांग

पिछले डेढ़ सालों से कर रही है भर्ती की मांग

ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह के नर्सेज एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक धरने की बात कही है. एसोसिएशन ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर समीर गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि अस्पताल में नर्सों की बहाली की जाए. उनका कहना है कि वह पिछले डेढ़ साल से विषम परिस्थितियों में अपने सहयोगियों के साथ काम कर रही हैं. कोरोना के इस संकट काल में और अधिक नर्सों की जरूरत है. बता दें कि जयारोग्य अस्पताल सहित जिला अस्पताल में सिर्फ 280 नर्स पदस्थ हैं. कोरोना संक्रमण काल में मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है और नर्सेज पर काम का लोड कहीं ज्यादा है. एसोसिएशन के अनुसार उन्हें पिछले डेढ़ साल से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. इसके अलावा कोई काम नहीं किया जा रहा है.

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मांगे नहीं मानी तो देंगे धरना..

नर्सेज एसोसिएशन ने कहा है कि वह लंबे अरसे से नर्सों की नई भर्ती की मांग कर रही है. इसलिए वे अब अपने अंतिम विकल्प की ओर बढ़ रही है. एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार ने बताया कि 12 मई यानी बुधवार को डीन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. यह सांकेतिक होगा क्योंकि इस समय नर्सेज के ऊपर ज्यादा जिम्मेदारी है, इसलिए सभी नर्से इस धरने में शामिल नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि यदि फिर भी अस्पताल प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी, तो वह काम बंद कर सकती हैं.

ग्वालियर। जिले में कोरोना का कहर जारी है. इस महामारी में सबसे ज्यादा वर्क लोड अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों पर बढ़ा है.नर्सों की कमी के चलते डबल काम करना पड़ रहा है, ऐसे में नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सों की बहाली की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर सभी नर्सों ने मिलकर धरना देने की बात कही है. पहले की जो नर्स हैं उनसे ही काम करवाया जा रहा है. इस महामारी के दौर में नर्सों की कम संख्या होने पर उनपर अधिक वर्क लोड पड़ रहा है, जिससे उनकी तबियत भी खराब हो रही है. जिले की कई नर्स तो कोरोना से संक्रमित भी हो चुकी हैं. इसका ध्यान रखते हुए जिले में जयारोग्य अस्पताल समूह के नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सों की बहाली के लिए प्रशासन से मांग की है.

नर्सेज एसोसिएशन ने की नर्सों की भर्ती की मांग

पिछले डेढ़ सालों से कर रही है भर्ती की मांग

ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह के नर्सेज एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक धरने की बात कही है. एसोसिएशन ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर समीर गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि अस्पताल में नर्सों की बहाली की जाए. उनका कहना है कि वह पिछले डेढ़ साल से विषम परिस्थितियों में अपने सहयोगियों के साथ काम कर रही हैं. कोरोना के इस संकट काल में और अधिक नर्सों की जरूरत है. बता दें कि जयारोग्य अस्पताल सहित जिला अस्पताल में सिर्फ 280 नर्स पदस्थ हैं. कोरोना संक्रमण काल में मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है और नर्सेज पर काम का लोड कहीं ज्यादा है. एसोसिएशन के अनुसार उन्हें पिछले डेढ़ साल से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. इसके अलावा कोई काम नहीं किया जा रहा है.

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मांगे नहीं मानी तो देंगे धरना..

नर्सेज एसोसिएशन ने कहा है कि वह लंबे अरसे से नर्सों की नई भर्ती की मांग कर रही है. इसलिए वे अब अपने अंतिम विकल्प की ओर बढ़ रही है. एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार ने बताया कि 12 मई यानी बुधवार को डीन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. यह सांकेतिक होगा क्योंकि इस समय नर्सेज के ऊपर ज्यादा जिम्मेदारी है, इसलिए सभी नर्से इस धरने में शामिल नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा कि यदि फिर भी अस्पताल प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी, तो वह काम बंद कर सकती हैं.

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