ग्वालियर। पोषण पुनर्वास केंद्र में 23 से ज्यादा कुपोषित बच्चे को भर्ती कराया गया है. कुपोषित बच्चों में सबसे ज्यादा तादाद प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह क्षेत्र से है. ये हालात तब हैं जबकि मई के महीने में 840 से ज्यादा आंगनबाड़ियों ने कुपोषण को लेकर अपनी रिपोर्ट सबमिट ही नहीं की है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंगनबाड़ियों में किस तरह से काम चल रहा होगा.
वहीं एनआरसी में 20 पलंग की क्षमता है, लेकिन अभी तक 30 ज्यादा बच्चे लाए चुके है. एनआरसी में एक भी पलंग खाली नहीं है. पोषण पुनर्वास केन्द्र में पंखा नहीं होने से कुपोषण के साथ-साथ बच्चों की भीषण गर्मी से भी जूझना पड़ रहा है.
⦁ जिले में कुल 1458 आंगनबाड़ी है, जिनमें से 840 आंगनबाड़ियों ने अपने विभाग की रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी है.
⦁ जिले में बच्चों के पोषण आहार पर हर दिन लगभग 4 लाख रुपए खर्च करती है सरकार.
⦁ आंगनबाड़ियों कि रिपोर्ट पर तय किया जाता है, कौन सा बच्चा कुपोषण की श्रेणी है.
⦁ आंगनबाड़ियों की रिपोर्ट पर ही बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया जाता है.
वहीं इस बारे में कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि कुछ आंगनबाड़ी बच्चे की रिपोर्ट तैयार करने में देरी कर रही हैं. उन सभी से रिपोर्ट मंगवाई जाएगी. ताकि जिले में कुपोषित बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके.