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महिला बाल विकास मंत्री के गृह जिले में कुपोषित बच्चे की संख्या बढ़ी, NRC हुआ फुल - पोषण पुनर्वास केंद्र बच्चों से भरा है

पोषण पुनर्वास केंद्र में 23 से ज्यादा कुपोषित बच्चे को भर्ती कराया गया है. कुपोषित बच्चों में सबसे ज्यादा तादाद प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह क्षेत्र से है.

महिला बाल विकास मंत्री के गृह जिले में कुपोषित बच्चे की संख्या बढ़ी
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Published : Jun 14, 2019, 9:58 PM IST

ग्वालियर। पोषण पुनर्वास केंद्र में 23 से ज्यादा कुपोषित बच्चे को भर्ती कराया गया है. कुपोषित बच्चों में सबसे ज्यादा तादाद प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह क्षेत्र से है. ये हालात तब हैं जबकि मई के महीने में 840 से ज्यादा आंगनबाड़ियों ने कुपोषण को लेकर अपनी रिपोर्ट सबमिट ही नहीं की है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंगनबाड़ियों में किस तरह से काम चल रहा होगा.

महिला बाल विकास मंत्री के गृह जिले में कुपोषित बच्चे की संख्या बढ़ी

वहीं एनआरसी में 20 पलंग की क्षमता है, लेकिन अभी तक 30 ज्यादा बच्चे लाए चुके है. एनआरसी में एक भी पलंग खाली नहीं है. पोषण पुनर्वास केन्द्र में पंखा नहीं होने से कुपोषण के साथ-साथ बच्चों की भीषण गर्मी से भी जूझना पड़ रहा है.

⦁ जिले में कुल 1458 आंगनबाड़ी है, जिनमें से 840 आंगनबाड़ियों ने अपने विभाग की रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी है.
⦁ जिले में बच्चों के पोषण आहार पर हर दिन लगभग 4 लाख रुपए खर्च करती है सरकार.
⦁ आंगनबाड़ियों कि रिपोर्ट पर तय किया जाता है, कौन सा बच्चा कुपोषण की श्रेणी है.
⦁ आंगनबाड़ियों की रिपोर्ट पर ही बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया जाता है.

वहीं इस बारे में कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि कुछ आंगनबाड़ी बच्चे की रिपोर्ट तैयार करने में देरी कर रही हैं. उन सभी से रिपोर्ट मंगवाई जाएगी. ताकि जिले में कुपोषित बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके.

ग्वालियर। पोषण पुनर्वास केंद्र में 23 से ज्यादा कुपोषित बच्चे को भर्ती कराया गया है. कुपोषित बच्चों में सबसे ज्यादा तादाद प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के गृह क्षेत्र से है. ये हालात तब हैं जबकि मई के महीने में 840 से ज्यादा आंगनबाड़ियों ने कुपोषण को लेकर अपनी रिपोर्ट सबमिट ही नहीं की है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंगनबाड़ियों में किस तरह से काम चल रहा होगा.

महिला बाल विकास मंत्री के गृह जिले में कुपोषित बच्चे की संख्या बढ़ी

वहीं एनआरसी में 20 पलंग की क्षमता है, लेकिन अभी तक 30 ज्यादा बच्चे लाए चुके है. एनआरसी में एक भी पलंग खाली नहीं है. पोषण पुनर्वास केन्द्र में पंखा नहीं होने से कुपोषण के साथ-साथ बच्चों की भीषण गर्मी से भी जूझना पड़ रहा है.

⦁ जिले में कुल 1458 आंगनबाड़ी है, जिनमें से 840 आंगनबाड़ियों ने अपने विभाग की रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी है.
⦁ जिले में बच्चों के पोषण आहार पर हर दिन लगभग 4 लाख रुपए खर्च करती है सरकार.
⦁ आंगनबाड़ियों कि रिपोर्ट पर तय किया जाता है, कौन सा बच्चा कुपोषण की श्रेणी है.
⦁ आंगनबाड़ियों की रिपोर्ट पर ही बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया जाता है.

वहीं इस बारे में कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि कुछ आंगनबाड़ी बच्चे की रिपोर्ट तैयार करने में देरी कर रही हैं. उन सभी से रिपोर्ट मंगवाई जाएगी. ताकि जिले में कुपोषित बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके.

Intro:ग्वालियर -इस समय जिले की एनआरसी इस समय कुपोषित बच्चों से ओवरलोड चल रही है यहां 30 गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया है जिसका इलाज चल रहा है। यह आलम तब है जबकि मई के महीने में 840 आंगनबाड़ियों ने कुपोषण को लेकर अपनी रिपोर्ट सबमिट नहीं की है। बच्चों से लेकर व्यवस्था तक का विवरण विभाग को नहीं दिया है ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आंगनवाड़ियों में किस तरह से काम चल रहा होगा । एनआरसी में एक भी पलंग खाली नहीं है कुपोषण के साथ-साथ बच्चों की भीषण गर्मी और उमस की परेशानी का सबब बनी हुई है।


Body:बता दे जिले की एनआरसी में 20 पलंग की क्षमता है लेकिन यहां 30 बच्चे भर्ती हैं प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी सुमन के गृह क्षेत्र के हाल हैं तो बाकी जिलों में क्या हालात होंगे। आप आसानी से समझ सकते हैं। कुपोषण को मिटाने का दावा करने वाली महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी की हालत ठीक नहीं है। जिले में कुल 1458 आंगनवाड़ी है जिनमें से 840 आंगनवाड़ियों ने अपने विभाग को रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी है। मई महीने में आंगनवाड़ियों की रूटीन से लेकर बच्चों की डाइट उपस्थिति सब का कुछ अता पता नहीं है इन आंगनवाड़ियों के द्वारा जो रिपोर्ट बच्चों को दी जाती है उसी के आधार पर यह तय होता है कि कौन से बच्चे ऐसे हैं जो कोशिश की श्रेणी में है और उन्हें एनआरसी में भर्ती कराया जाता है वहीं इस बारे में कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि कुछ आंगनवाड़ी बच्चे की रिपोर्ट तैयार करने में देरी कर रही हैं उन सभी से रिपोर्ट मंगाई जाएगी ताकि जिले में कुपोषित की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके ।


Conclusion:बाईट - अनुराग चौधरी , कलेक्टर बाईट - मधु , एनआरसी सेंटर इंचार्ज

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