ग्वालियर| सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए चलाया जा रहा दस्तक अभियान मजाक बनकर रह गया है. ग्वालियर के पोषण पुनर्वास केंद्र में हालात ये हैं कि यहां क्षमता से दोगुने बच्चे इलाज के लिए पहुंचे हैं, लेकिन उनके लिए इस भीषण और उमस भरी गर्मी में ना तो ठंडी हवा का इंतजाम है और ना ही पलंग का.
ग्वालियर के थाटीपुर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र जितने बच्चे पलंग पर हैं, उतने ही जमीन पर रहने को मजबूर हैं. ये एनआरसी सिर्फ 20 पलंग की है जबकि यहां 48 बच्चे अब तक रजिस्टर्ड हो चुके हैं. इन दिनों एनआरसी में कुपोषित बच्चों की संख्या इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि सरकार ने 10 जून से 20 जुलाई तक राज्य भर में दस्तक अभियान छेड़ रखा है. जिसमें कुपोषित बच्चों को एनआरसी लाकर उनका इलाज करना सरकार की प्राथमिकता है.
बिना तैयारी के पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को लाना अभिभावकों के लिए मुसीबत बन गया है. एनआरसी का स्टाफ अपनी ओर से बच्चे और उनके अभिभावकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने की कोशिश में है, लेकिन तीन दिन पहले लिखे गए प्रभारी के पत्र पर अभी तक वरिष्ठ अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया है. इस कारण बच्चे और उनके अभिभावक परेशानी झेलने के लिए मजबूर हैं.