ग्वालियर। संक्रमण और उसकी चेन को बेक करने के लिए लगातार सीएम शिवराज सिंह चौहान राज्यों के कलेक्टर और सीएमएचओ को आदेश दे रहे हैं. इसके बावजूद भी कोरोना की रोकथाम पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है. तीन दिन पहले ही ग्वालियर कमिश्नर आशीष सक्सेना ने कलेक्टर, निगम कमिश्नर और पुलिस के अधिकारियों के साथ मिलकर एक बड़ी बैठक की, जिसमें जिले की सीमा पंचायत बनाने के आदेश दिए थे. जिससे कोई भी दूसरे राज्य से आता है उसकी स्क्रीन की जाएगी. जब ईटीवी भारत उन चेक पोस्टों का रियलिटी चेक करने निकला तो वहां केवल और केवल मास्क को लेकर ही चालान किया जा रहा था. हालात यह थे कि वहां न तो प्रशासन के अफसर मौजूद थे और न ही डॉक्टर्स की टीम.
शहर की नाकेबंदी के लिए दिए है आदेश
ग्वालियर जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए संभागीय कमिश्नर ने आदेश दिए थे कि शहर के चारों तरफ कि सीमा पर चेक पोस्ट बनाए जाएं. साथ ही जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनको थर्मल स्क्रीनिंग और बिना मास्क के शहर में प्रवेश नहीं दिया जाए. साथ ही जो लोग महाराष्ट्र से आ रहे हैं, उनको शहर में एंट्री न दी जाए. जिले में लगातार कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
खानापूर्ति के लिए बनीं चेक पोस्ट
आदेश के बाद जिला प्रशासन ने जिले की चारों सीमा पर चेक पोस्ट लगायी गई हैं लेकिन इन चेक पोस्टों पर बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. यहां न तो पुलिस बल तैनात है और न ही डॉक्टर्स की टीम ही मौजूद है. साथ ही जो लोग बाहर से आ रहे हैं. वह बिना रोक-टोक के शहर में प्रवेश कर रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है, जिला प्रशासन पुराने संक्रमण को देखते बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. शहर की सीमा पर टेंट तो लगा दिया है लेकिन वहां पर कोई भी पुलिस बल मौजूद नहीं है. सिर्फ चेक पोस्टों पर एक या दो पुलिसकर्मी मौजूद हैं. वह भी कुर्सी पर बैठ कर आराम फरमा रहे हैं.
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अलग-अलग राज्यों से आ रही है बसें
ग्वालियर अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग जिलों से यहां पर बसें आती हैं लेकिन बसों में सबसे बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. बसों में बैठने वाले यात्री मास्क नहीं लगा रहे हैं और न ही बस प्रबंधक सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं. वहीं अंतर्राज्यीय बस स्टैंड से आसपास के जिलों में जो बसें जाती हैं वह ओवरलोडिंग चल रही हैं इस पर वन विभाग का भी कोई ध्यान नहीं है.